देश के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज सस्ता होने जा रहा है। इसके साथ ही एक पर्ची एक शुल्क लागू होगा। कैबिनेट ब्रीफिंग में सचिव स्वास्थ्य थे डॉक्टर आर राजेश कुमार का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में ओपीडी का शुल्क अब 13 रुपए से घटकर ₹10 , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी शुल्क (पर्चा बनाने का शुल्क) 15 से घटाकर 10 रुपये और जिला या उप जिला चिकित्सालयों में शुल्क 28 से घटाकर 20 रुपये कर दिया गया है।
इसी प्रकार भर्ती करने के लिए आईपीडी शुल्क की दरें भी घटाते हुए समान कर दी गई हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आईपीडी शुल्क 17 से घटाकर 15 रुपये, सीएचसी में 57 से घटाकर 25 रुपये और जिला व उप जिला अस्पतालों में 134 से घटाकर 50 रुपये कर दिया गया है।
अस्पतालों के जनरल वार्ड में तीन दिन तक निशुल्क भर्ती के बाद पीएचसी में शुल्क 17 के बजाय ₹10 प्रतिदिन, सीएचसी में 17 से घटाकर 15 रुपये प्रतिदिन और जिला व उप जिला चिकित्सालयों में 57 के बजाए 25 रुपये प्रतिदिन शुल्क देय होगा।
प्राइवेट वार्ड में दो बेड वालों को अब 230 के बजाए 150 रुपये प्रतिदिन और सिंगल बेड वालों को 428 के बजाए 300 रुपये शुल्क देना होगा। एसी रूम लेने पर 1429 के बजाए 1000 रुपये शुल्क देय होगा।
बताया जा रहा है कि लोअर अस्पताल में भर्ती मरीज को हायर सेंटर रेफर होने पर वहां अलग से पर्ची नहीं बनवानी पड़ेगी। एक पर्ची से उसका इलाज हो जाएगा।
सरकार ने विभागीय एंबुलेंस का किराया भी काम कर दिया है। सरकारी एंबुलेंस का पहला 5 किलोमीटर का किराया 315 रुपए था जो अब ₹200 लिया जाएगा। इसके बाद प्रति किलोमीटर की तरह भी 63 से घटकर ₹20 कर दी गई है।
सरकारी अस्पतालों में मरीज की मृत्यु होने उसका पार्थिव शरीर एंबुलेंस से निशुल्क उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। कैबिनेट के ये फैसले शासनादेश जारी होने के साथ ही प्रदेशभर में लागू हो जाएंगे।
प्रदेश के पिथौरागढ़ व हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ की भर्ती आउटसोर्स के बजाए सीधी भर्ती से की जाएगी। दोनों कॉलेजों में 240-240 पदों पर आउटसोर्स से भर्ती नहीं होगी। अब चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड यहां भर्ती करेगा।