Mahakumbh : महाकुंभ में ट्रेन का रिजर्वेशन न मिलाना बना मौत का कारण, 6 महीने पहले खरीदी थी नई कार

पटना के जक्कनपुर में रहने वाले संजय प्रसाद और उनका परिवार महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गया था। वह लोग बहुत उत्साहित थे क्योंकि कुछ…

Not getting train reservation in Maha Kumbh became the cause of death

पटना के जक्कनपुर में रहने वाले संजय प्रसाद और उनका परिवार महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गया था। वह लोग बहुत उत्साहित थे क्योंकि कुछ महीने पहले उन्होंने नई कर खरीदी थी और चलाना भी सीख लिया था। ट्रेन में टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने खुद कर से यात्रा करने का फैसला किया लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उनके परिवार की आखिरी यात्रा होगी।

संजय प्रसाद के दोस्त संटू और संजय हादसे की खबर सुनकर फफक पड़े। उन्होंने कहा, “कभी सोचा नहीं था कि संजय इतनी जल्दी हमें छोड़कर चला जाएगा।” संजय अपनी बूढ़ी मां और छोटी बेटी श्रृंखला को अकेला छोड़ गए हैं, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।

यह परिवार पटना के जक्कनपुर के मच्छरदानी गली का रहने वाला था। बताया जा रहा है 19 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने के लिए यह निकले थे और 20 फरवरी की रात वापस लौट रहे थे। सुबह करीब 4:00 बजे जब वह पटना के पास पहुंचे तो कार चला रहे लाल बाबू को झपकी आ गई। इसी दौरान कार सड़क किनारे खड़े ट्रक में पीछे से जा टकराई।

यह टक्कर इतनी ज्यादा तेज थी कि कार के अंदर बैठे सभी छह लोग मौके पर ही मर गए। इसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। संजय प्रसाद मूल रूप से नालंदा का रहने वाला था लेकिन अब पटना के जक्कनपुर में रह रहे थे। हादसे में मारे गए छह लोगों में से चार एक ही परिवार के थे, जबकि दो रिश्तेदार थे।

उनकी छोटी बेटी श्रृंखला एसएससी की परीक्षा की तैयारी कर रही थी, इसलिए वह कुंभ नहीं गई थी। जब पुलिस संजय प्रसाद के घर पहुंची और दरवाजा खटखटाया, तो श्रृंखला ने दरवाजा खोला। पुलिस ने पूछा, “पापा कहां हैं?” तब उसने रोते हुए जवाब दिया, “सुबह से ही फोन कर रही हूं, कोई फोन नहीं उठा रहा।”

बेटे ने कार चलाना सीखा, वही कार चला रहा था संजय कुमार ने छह महीने पहले एक नई कार खरीदी थी। इसके बाद उनके बेटे लाल बाबू ने कार चलाना सीखा और कुंभ यात्रा के दौरान वही कार चला रहा था। लेकिन ज्यादा देर तक लगातार ड्राइव करने की वजह से उसे झपकी आ गई और हादसा हो गया।

इस दर्दनाक हादसे में संजय प्रसाद, उनकी पत्नी करुणा देवी, बेटा लाल बाबू, भतीजी प्रियम कुमारी, रिश्तेदार कौशलेंद्र कुमार की बेटी प्रियम कुमारी और आनंद सिंह की बेटी आशा किरण की मौत हो गई।

हादसे की खबर मिलते ही संजय प्रसाद के घर में मातम पसर गया। उनकी बेटी श्रृंखला और मां बेसुध पड़ी हैं। पड़ोसियों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। कोई सोच भी नहीं सकता था कि एक नई कार की खुशी इतनी जल्दी मातम में बदल जाएगी।

अब परिवार में सिर्फ संजय की बूढ़ी मां और बेटी श्रृंखला बची हैं, जिनका सहारा छिन गया है। यह हादसा एक सबक भी है कि लम्बी यात्रा के दौरान आराम करना जरूरी है, वरना एक छोटी सी झपकी जिंदगी छीन सकती है। अब घर में सिर्फ उनकी बूढ़ी मां और छोटी बेटी श्रृंखला बची हैं, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।

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