उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व दर्ज़ा राज्य मंत्री एडवोकेट केवल सती ने उत्तराखंड सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जी के उत्तराखंड में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने से इन्कार करने को पुरानी पेंशन का लाभ ले रहे राज्य के 86842 कर्मचारियों की भावनाओं का अपमान बताया।
पूर्व दर्जा मंत्री केवल सती ने कहा कि देश के 5 राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड,हिमाचल प्रदेश और पंजाब की सरकारों ने अपने—अपने राज्यों में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन योजना लागू की है। कहा कि पूरे देश में राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जिसने सबसे पहले ओल्ड पेंशन योजना लागू की।
पूर्व दर्जा मंत्री सती ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को भाजपा की सरकार ने 1 अप्रैल 2004 से बन्द कर दिया था। सती ने कहा 2003 में एन डी ए की सरकार में अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम की शुरुआत की।
सती ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद वेतन की आधी रकम पेंशन के रूप में मिलती थी जबकि न्यू पेंशन स्कीम में यह प्रावधान नही है। सब कुछ बाजार के हवाले कर दिया है। सैलरी से कटौती तो होती है, मगर उस धनराशि को शेयर बाजार में लगाया जाता है।
सती ने कहा कि पेंशन सिर्फ चंद हजार रुपए ही नही होती बल्कि एक बुढ़ापे की चादर होती है जिससे रिटायर्ड आदमी अपनी इज्जत को ढकता है ताकि उसके बच्चे उसे बोझ ना समझे।
सती ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को कर्मचारियों के हित को देखते हुए राजस्थान जैसे अन्य राज्यों की तरह पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए।