दिल्ली। केंद्र सरकार अगले वित्तीय वर्ष में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कोई बदलाव नहीं करेगी। इसका मतलब है कि 2023-24 में भी जीएसटी में कर व्यवस्था को आसान नहीं किया जाएगा।
उपभोक्ताओं का बोझ कम करने के लिए एक साल से अधिक समय से जीएसटी के नियमों को और सरल बनाने की उम्मीद की जा रही है। बताते चलें कि जीएसटी में अभी पांच कर दरें हैं, जो शून्य से 28 फीसदी के बीच हैं। इससे पहले 2021 में सरकार जीएसटी में दो दरों को मिलाने और कुछ वस्तुओं पर कर का बोझ कम करने पर विचार कर रही थी।
इस बीच, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने सोमवार को कहा कि अभी स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए अगले वित्त वर्ष में भी जीएसटी की कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उपभोक्ताओं को राहत के लिए लंबा इंतजार करना होगा। हालांकि, छोटे- मोटे बदलाव तो होते ही रहेंगे। लेकिन, कर दरों को मिलाने जैसे बड़े बदलाव जैसे फैसले अगले वित्त वर्ष में नहीं लिए जाएंगे।