नज़ीर : काली कुमाऊं की एक कांस्टेबल जो अतिरिक्त समय में बांट रही विद्या धन

कोतवाली में लगाती हैं बच्चों की क्लास नकुल पन्त लोहाघाट। पुलिस का नाम सुनते ही अधिकांश लोग कन्नी काटते हुए नजर आते हैं लेकिन काली…

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कोतवाली में लगाती हैं बच्चों की क्लास

नकुल पन्त लोहाघाट। पुलिस का नाम सुनते ही अधिकांश लोग कन्नी काटते हुए नजर आते हैं लेकिन काली कुमाऊं के छिड़ाखाल स्थित कोतवाली पंचेश्वर में एक महिला कॉन्स्टेबल चांदनी समाज के लिए नजीर बनी हुई है। चांदनी मूल रूप से काली कुमाऊं के मैदानी क्षेत्र टनकपुर की रहने वाली हैं। चांदनी का कहना है कि वह ड्यूटी के बाद अपना अतिरिक्त समय बच्चों को शिक्षा देने के लिए जरूर लगाएंगी।

कोतवाली में ही माध्यमिक तक के बच्चों को पढ़ाने वाली चांदनी बताती है कि उन्हें पूर्व में लोहाघाट थाने में नई नियुक्ति मिली थी। इसके बाद उनका स्थानांतरण कोतवाली पंचेश्वर (छिड़ाखाल) के लिए हो गया। बताते चलें क्राइम कंट्रोल के साथ ही इस थाने में एक पाठशाला भी है जो बच्चों के लिए किसी स्कूल से कम नहीं है। यहां चांदनी इन बच्चों को पढ़ाती भी है और अभिभावक की तरह उनकी देखभाल भी करती है। जब कोई शाम के समय इस कोतवाली में पहुंचता है तो कॉन्स्टेबल मोनिका अपनी ड्यूटी से फुर्सत मिलते ही शिक्षक की भूमिका में नजर आती हैं। आसपास के ही करीब 20 बच्चे रोज कोतवाली में अपने समय का सदुपयोग कर विद्यार्जन कर रहे हैं। इस तरह से यहां पर पुलिस और आम जनता के बीच आपसी सहयोग बढ़ रहा है। विषय गौरतलब है जब एक महिला सिपाही बच्चों की शिक्षा के प्रति इतनी गंभीर है तो ज़रूरत है कि शिक्षा विभाग को भी समर्पण की इस भावना की कद्र करनी चाहिये। उत्तरा न्यूज परिवार मित्र पुलिस चांदनी के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।