अल्मोड़ा। केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं जिसके बाद अब कुछ लोगों को झटका लग सकता है। दरअसल उत्तराखंड में जिन किसानों के पास जमीन नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए किसानों के नाम जमीन होना अनिवार्य कर दिया है। अब योजना का लाभ ले रहे हर किसान की खाता खतौनी की जांच होगी।
शुरुआत में प्रदेश के 9.44 लाख किसानों ने योजना का लाभ लिया, लेकिन इनमें कई अपात्र किसान भी थे। अब केंद्र सरकार योजना में पारदर्शिता और पात्र किसानों को ही सम्मान निधि देने के लिए ई-केवाईसी के साथ जमीन के रिकॉर्ड का सत्यापन कर रही है। सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए किसान का नाम राजस्व रिकॉर्ड के खाता खतौनी में होना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में गोल खाते होने के कारण किसानों की जमीन का सत्यापन करना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। पहाड़ों में एक ही खसरा नंबर पर कई परिवारों के नाम हैं। ऐसे में सत्यापन करना राजस्व और कृषि विभाग के लिए मुश्किल भरा होगा।