पिथौरागढ़:: नया शिक्षा सत्र (New education session)शुरू हुए बीता एक माह अब तक नहीं पहुंची किताबें, जनप्रतिनिधि नाराज

New education session started, books have not reached till now जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षा सत्र को शुरू हुए एक माह का समय बीतने…

news

New education session started, books have not reached till now

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षा सत्र को शुरू हुए एक माह का समय बीतने को है, अभी तक कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क दिए जाने वाली किताबें नहीं पहुंच पाई है।इस कारण बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।सरकार की इस उदासीनता पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने खासी नाराजगी जताई है, उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर किताबें नहीं आई तो ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

पिथौरागढ़, 27 अप्रैल 2022— नये शिक्षा सत्र के प्रारम्भ (New education session )होने के एक माह की अवधि के बावजूद स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचने से जनप्रतिनिधियों में खासी नराजगी है।


जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षा सत्र(New education session ) को शुरू हुए एक माह का समय बीतने को है, अभी तक कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क दिए जाने वाली किताबें नहीं पहुंच पाई है।इस कारण बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।सरकार की इस उदासीनता पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने खासी नाराजगी जताई है, उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर किताबें नहीं आई तो ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

जारी बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को निशुल्क किताबें, व गणवेश दी जाती है। शिक्षा सत्र (New education session)शुरू हुए एक माह का समय बीतने में कुछ ही दिन शेष बचे है, अभी तक इन बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई है।


उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि सरकार ने इस बार किताबें उपलब्ध कराने के लिए किसी एजेंसी को तय किया है। जबकि पहले किताब खरीदने के लिए भी छात्रों के खातों में पैसे दिए जाते थे। अभी किसी भी विद्यालय में यह सूचना नहीं पहुंची है कि इस बार किताबें मिलेंगी या खाते में धन आएगा। सरकार की उदासीनता के कारण राजकीय विद्यालयों में अभी तक विधिवत रूप से पढ़ाई लिखाई शुरू नहीं हो पाई है।


अभिभावकों तो बच्चों के दबाव में बजार से किताबें भी खरीदने को मजबूर हो रहे है।
अभी भी अधिकांश गरीब अभिभावक सरकार की ओर आसावान है कि उन्हें किताबें मिलेंगी।


सरकार की उदासीनता के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।


उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के प्रति सरकार की उदासीनता बर्दाश्त करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि सरकारी स्कूल बंद हो जाए और उनके कार्यकर्ता प्राइवेट स्कूल खोल कर रोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा सके। इसलिए सरकार जानबूझकर गरीब परिवारों के बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं करा पा रही है ।
उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही किताबों की चिंता करनी चाहिए थी।
आज एक माह का समय बीतने को को है, छात्रों के हाथों में किताबें नहीं पहुंच पाई है ।उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने एक सप्ताह के भीतर स्कूल में किताबें नहीं पहुंचाई तो सरकार के खिलाफ जिले के आठ विकास खंडों में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।