यदि मई जून के महिने में ताज़ा व रसीले माल्टा खाने को मिलें तो आप इसे चमत्कार ही कहेंगे। शीतलाखेत के प्रगतिशील किसान हरीश जोशी ऐसा अपने प्राकृतिक कोल्ड स्टोरेज (natural cold storage)के माध्यम से करते हैं।
अल्मोड़ा,06 जून 2021- यदि मई जून के महिने में ताज़ा व रसीले माल्टा खाने को मिलें तो आप इसे चमत्कार ही कहेंगे। शीतलाखेत के प्रगतिशील किसान हरीश जोशी ऐसा अपने प्राकृतिक कोल्ड स्टोरेज (natural cold storage)के माध्यम से करते हैं।
नवंबर दिसंबर में पक कर तैयार हो जाने वाला माल्टा पहाड़ में बहुतायत में होता है। यह पहाड़ की ठंडी आबोहवा में होने वाली मुख्य सिट्रस फलों में से एक है।
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लेकिन मार्केटिंग की सही नीति व कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होने से यह फल किसानों के लिए खास लाभ का सौदा नहीं रहे।
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नंबर दिसंबर में माल्टा पक कर तैयार हो जाता है और इसी दौर में यदि यह औने पौने दामों में बाजार या जूस फैक्ट्री में बिक गया तो बिक गया अन्यथा पेड़ से गिर खेतों के किनारे सड़ते रहता है।
बाजार में अच्छी मांग होने के बावजूद एक अच्छी नीति नहीं बनने के कारण माल्टा अपने सीजन में 15 से 20 रुपए किलो और कहीं कहीं 1रुपया दाना भी बिकता है। लेकिन यह फसल केवल दो महीने ही रहती है।
रसीले मास्टा को सुरक्षित रखने के लिए शीतलाखेत के प्रगतिशील कृषक हरीश जोशी ने प्राकृतिक रूप से इनका भंडारण (natural cold storage)करने का काम शुरु किया जिसके चलते वह मई जून तक इन फलों का सुरिक्षत भंडारण कर लेते हैं।
मई जून तक यह फल ताजे व रसीले रहते हैं जिस कारण घर पर ही उन्हें 100 रुपये प्रति किलो तक रेट मिल जाते हैं।
हरीश इस तरह सुरक्षित रखते हैं फलों को(natural cold storage)
हरीश जोशी ने बताया कि फलों को संरक्षित व सुरक्षित रखने के लिए वह अपने बगीचे में एक बड़ा गढ्ढा तैयार करते हैं। इस गढ्ढे में करीब एक कुंतल फल आ जाएं उस अनुपात से इस गड्ढे को तैयार किया जाता है।
गढ्ढा तैयार हो जाने के बाद एक लेयर माल्टा लगाया जाता है। यह ध्यान रखा जाता है कि गढ्ढे में सीलन या पानी नहीं पहुंचे। इसके बाद गढ्ढे को ढक दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि दिसंबर में रखे माल्टा मई , जून तक रसीले व ताजे बने रहते हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों माल्टा की अच्छी कीमत मिल जाती है। यदि ऐसा प्रयास या प्रशिक्षण की व्यवस्था सरकारी स्तर पर की जाय तो माल्टा फल पट्टी में यह प्रयोग सफल हो सकता है।
प्रगतिशील कृषक माधवानंद जोशी के पुत्र हैं हरीश(natural cold storage)
शीतलाखेत के सल्ला निवासी हरीश जोशी प्रगतिशील किसान माधवानंद जोशी के पुत्र हैं। उन्हें कृषि तकनीक अपने पिता और परिवार से विरासत में मिली।
माधवानंद जोशी अब बुजुर्ग हो गए हैं। वह जिला व राज्य स्तर पर सरकार से कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता व कर्मचारी नेता धीरेन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि हरीश जोशी का यह प्रयास प्राकृतिक कोल्ड स्टोरेज की अवधारणा को सार्थक करता है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए ना तो बिजली और न ही भवन की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि फलों को पांच से 6 माह तक सुरक्षित रखने का यह प्रयास सराहनीय है।