नाराज कार्मिको को अब न्याय के देवता का सहारा

अल्मोड़ा। हड़ताल एवं अकारण रोकी गई पदोन्नति के मामलों में जवाबदेही तय किये जाने जैसी प्रमुख मांग पर प्रदेश सरकार के स्तर से कोई सुनवाई…

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अल्मोड़ा। हड़ताल एवं अकारण रोकी गई पदोन्नति के मामलों में जवाबदेही तय किये जाने जैसी प्रमुख मांग पर प्रदेश सरकार के स्तर से कोई सुनवाई नहीं होने से नाराज कार्मिको ने आज न्याय के दरबार चितई मंदिर में फ़रियाद की। मुख्य मंत्री,वित्त मंत्री एवं प्रमुख सचिव को जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से भेजे गए ज्ञापनों को न्याय के दरबार में अर्पित करते हुए विनती की गई कि विकास मैं बाधक हड़तालों मैं पूर्ण विराम लग जाय और बिना वजह प्रमोशन रोके जाने से निराश कार्मिकों को समय से प्रमोशन मिल सके।

तय कार्यक्रम के अनुसार मंच से जुड़े कार्मिकों ने अपरांन्ह 1 बजे चौघानपाटा स्थित गाँधी पार्क में आम सभा की। सभा के बाद “घिरे हैं हम सवाल से,हमें जवाब चाहिए” जैसे जन गीत गाते हुए सभी कार्मिक चितई मंदिर को गए और वहा पर ग्वैल देवता से न्याय की गुहार लगायी।

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गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रथम बार जून 2017 में अल्मोड़ा आगमन पर उन्हें सफ़ेद फूलों के गुलदस्ते के साथ उक्त प्रमुख मांग सहित पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था इसके बाद माह जुलाई , अक्टूबर, दिसम्बर 17 एवं 5 मार्च 18 को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री प्रकाश पन्त को अनुस्मारक भेजे गए। अकारण रोकी गयी पदोन्नति के मामलों में राज्य के ऑडिट विभाग में वर्षों से लंबित मामलों को उदाहरण के रूप में पेश किया गया।

मंच के मुख्य संयोजक रमेश चंद्र पांडे ने हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा कार्मिकों की हड़ताल के सम्बन्ध में दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हड़ताल की स्थिति में कदम उठाने के लिए व्यस्थापिका द्वारा व्यवस्था में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। जिसके क्रियान्वयन का पूर्ण दायित्य कार्यपालिका का है लेकिन कार्यपालिका का हड़तालों के प्रति मूकदर्शक रहना दुर्भाग्यपूर्ण रहा है नतीज़तन आये दिन की हड़तालों से राज्य के विकास में पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लिया जाना स्वागत योग्य है। उन्होंने अब तक के हड़तालों की समीक्षा किये जाने पर बल देते हुए कहा कि संवाद शून्यता एवं वादा खिलाफी हड़ताल के प्रमुख कारण रहे हैं।
मंच के सह संयोजक श्याम सिंह रावत,उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच के मुख्य संयोजक पुष्कर सिंह भैसोड़ा,नगरपालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र जोशी उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के हेम त्रिपाठी ने कहा कि सरकार द्वारा कार्मिकों की पदोन्नति के मामलों में समयबद्ध व्यस्था तो बनाई है लेकिन इस व्यवस्था को नजरअंदाज करते हुए बिना वजह वर्षो से पदोन्नति के मामलों को लंबित रखने वाले अफसरों के विरुद्ध प्रतिकूल कार्यवाही का प्रावधान नहीं किये जाने के कारण कार्मिको को पद खाली होने के बावजूद बगैर पदोन्नति के रिटायर होना पड़ रहा है।
कार्यक्रम में मुकेश भंडारी,राजू पांडे गिरीश बसौला, राजेंद्र बिष्ट,पुष्कर सिंह,दिनेश दुर्गापाल,नंदन सिंह,नरेंद्र जीना,नारायण सिंह रावत,मनोज तिवारी,इंद्र सिंह आदि ने शिरकत की।