‘मेरी पत्नी मुझे मारती है साहब, मुझे बचाओ’ – पति ने पुलिस को सौंपा पिटाई का वीडियो

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी पर मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का आरोप…

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मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी पर मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। लोकेश मांझी, जो कि रेलवे विभाग में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी पत्नी हर्षिता रैकवार न केवल उनके साथ मारपीट करती है, बल्कि उन्हें उनके माता-पिता और दोस्तों से मिलने भी नहीं देती। लोकेश का कहना है कि शादी के बाद से ही उनकी पत्नी, सास और साला लगातार पैसों और सोने-चांदी की मांग कर रहे हैं, जिससे उनका दांपत्य जीवन तनावपूर्ण हो गया है।

इस स्थिति से तंग आकर उन्होंने अपने कमरे में हिडन कैमरा लगा दिया, जिसमें उनकी पत्नी द्वारा की जा रही मारपीट की पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई। यह वीडियो उन्होंने पुलिस के सामने सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया है, जो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। लोकेश का कहना है कि उनकी पत्नी न केवल उनसे गाली-गलौच और मारपीट करती है, बल्कि घर के कामों में भी कोई सहयोग नहीं करती।

बीते 20 मार्च 2025 को जब पत्नी ने अपनी मां और भाई को बुलाया, तो उन सभी ने मिलकर उनके साथ मारपीट की, जिससे उन्हें चोटें आईं। इस घटना की शिकायत उन्होंने सतना थाने में भी दर्ज कराई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोकेश ने यह भी बताया कि जब उनकी पत्नी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की जानकारी हुई, तो उसने आत्महत्या करने और अपनी बेटी को मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा कि वह झूठे मामले में फंसाकर लोकेश और उनके परिवार को जेल भिजवा देगी।

लोकेश के अनुसार, उनकी पत्नी पहले भी आत्महत्या करने की कोशिश कर चुकी है, जिससे वह भयभीत और मानसिक रूप से परेशान हैं। उन्होंने अजयगढ़ थाने में भी इस मामले की शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अब उन्होंने दोबारा आवेदन दिया है। फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और सभी पक्षों से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि सबूतों की बारीकी से जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला दिखाता है कि आमतौर पर घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं को ही पीड़िता माना जाता है, लेकिन पुरुष भी इस तरह की हिंसा का शिकार हो सकते हैं। समाज में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और निष्पक्ष जांच के बाद पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए।