अल्मोड़ा| आंगनबाडी केंन्द्रों में बच्चों के सम्पूर्ण शारीरिक विकास एवं प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए जिले में मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का शुभारंभ हो गया।
सोमवार को जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने विकास भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाडी में स्कूल पूर्व शिक्षा ले रहे बच्चों को दूध पिलाकर इसका विधिवत् शुभारंभ किया। इस योजना के तहत तीन से छः साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो दिन मंगलवार एवम शुक्रवार 100-100 एमएल दूध दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने डेयरी और बाल विकास विभाग के अधिकारियों को इस महत्वाकांक्षी योजना का पूरी जिम्मेदारी के साथ क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। डीपीओ संजय गौरव को न्याय पंचायत स्तर पर सभी आंगनबाडी केन्द्रों में दिए जा रहे पौष्टिक आहार वितरण की स्वयं माॅनिटरिग करने की बात कही। कहा कि बचपन में पौष्टिक आहार उपलब्ध हुआ तो बच्चे जीवन भर तंदुरूस्त रहेंगे। बच्चों की सेहत के लिए संचालित इस योजना से बच्चों का सम्पूर्ण शारीरिक विकास में मदद मिलेगी और वे कुपोषण से ग्रसित नही होंगे।
मुख्य विकास अधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि डेयरी और बाल विकास के माध्यम से संचालित इस योजना से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और कुपोषण की समस्या भी दूर होगी। उन्होंने बच्चों को शुद्व पेयजल के साथ ही पाउडर को मिलाकर नियमित रूप से दूध बच्चों को देने की बात कही। कहा कि यदि किसी कारण से पाउडर की गुणवत्ता ठीक न हो तो इसको उपयोग में न लाए।
डेयरी विकास के सहायक निर्देशक सुनील अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत आंगनबाडी केन्द्रों में 3 से 6 साल तक के सभी बच्चों को प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को 100 एमएल दूध दिया जाएगा। इस अवसर पर आंगनबाडी कार्यकत्रियों को मिल्क पाउडर के संबध में पूरी जानकारी भी दी गई।
इस अवसर पर दुग्ध संघ प्रबन्धक एलएम जोशी, डीपीओ संजय गौरव, सहायक निदेशक डेयरी सुनील अधिकारी, ADPOमनिंदर कौर, डेयरी से अरुण नगरकोटी,पूरन कार्की,देवेंद्र कांडपाल,राजेन्द्र कांडपाल सहित आंगनबाडी कार्यकत्रियां मौजूद थी।कार्यक्रम का संचालन दुग्ध संघ के प्रभारी एम आई एस अरुण नगरकोटी ने किया|