उत्तराखंड में पहाड़ दरका: चमोली में हाईवे पर गिरा मलबा, बड़ा हादसा टला

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले नीति मलारी नेशनल हाईवे पर बड़ा हादसा हुआ है। सोमवार, 3 मार्च को तपोवन से…

Mountain collapse in Uttarakhand: Debris fell on highway in Chamoli

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले नीति मलारी नेशनल हाईवे पर बड़ा हादसा हुआ है। सोमवार, 3 मार्च को तपोवन से आगे सालधार के पास पहाड़ी का एक विशाल हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिर गया। इस घटना के दौरान सड़क पर कोई वाहन नहीं था, जिससे जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, भूस्खलन का यह दृश्य कैमरे में कैद हुआ है, जिसमें साफ दिख रहा है कि पहले छोटे-छोटे पत्थर गिरते हैं और फिर अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर नीचे आ जाता है, जिससे सड़क पर धूल का बड़ा गुबार छा जाता है।

यह हाईवे बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के अधीन आता है, और फिलहाल बीआरओ की टीमें सड़क को फिर से चालू करने में जुटी हैं। इस भूस्खलन से नीति घाटी के गांवों का जिला मुख्यालय और तहसील से संपर्क कट गया है, जिससे वहां रहने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आईटीबीपी, सेना और बीआरओ को रसद पहुंचाने में भी दिक्कतें आ सकती हैं। हालांकि, बीआरओ अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द हाईवे को खोल दिया जाएगा, जिससे यातायात सुचारू रूप से बहाल हो सके।

इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और बर्फबारी हो रही थी, जिससे पहाड़ियों पर दबाव बढ़ गया था। सोमवार को मौसम साफ हुआ और धूप निकलने के बाद यह भूस्खलन हुआ। गौरतलब है कि इससे पहले 28 फरवरी को भी चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के पास माणा में एवलांच आया था, जिसमें बीआरओ के 54 मजदूर दब गए थे। तीन दिन चले बचाव अभियान में सेना और आईटीबीपी के जवानों ने 46 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था, लेकिन आठ मजदूरों की जान नहीं बचाई जा सकी थी। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने इस पहाड़ी इलाके में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि बारिश और बर्फबारी के कारण भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।