देश में सरकारी विभागों, सार्वजनिक निगमों, निकायों और सहायतित संस्थाओं में कुल 81,268 पद रिक्त हैं, जिन पर भर्ती करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकारी विभागों में कुल 2,38,753 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 1,71,906 पद भरे हुए हैं और 66,847 पद अभी भी खाली पड़े हैं। इनमें से 2,18,220 पद स्थायी और 20,533 पद अस्थायी हैं।
सार्वजनिक निगमों और निकायों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, जहां कुल 18,206 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 10,064 पद ही भरे गए हैं, जबकि 8,142 पद रिक्त पड़े हैं। वहीं सहायतित संस्थाओं में 16,313 स्वीकृत पदों में से 10,034 पद भरे हुए हैं और 6,279 पद अभी भी खाली हैं। लाखों युवा इन रिक्त पदों पर भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन सरकार के सामने इन सभी पदों को जल्द से जल्द भरने की चुनौती बनी हुई है।
वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों को सरकार ने कई नई सौगातें दी हैं, जो आगामी वित्तीय वर्ष में भी जारी रहेंगी। सरकारी कर्मचारियों को कारपोरेट सैलरी पैकेज का लाभ मिलेगा, जिसमें पर्सनल इंश्योरेंस कवर सहित अन्य वित्तीय सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाएंगी। एलटीसी के नियमों में बदलाव करते हुए न्यूनतम अवकाश की अवधि को 15 दिन से घटाकर 5 दिन कर दिया गया है, जिससे कर्मचारी आसानी से यात्रा कर सकेंगे। रेलवे और हवाई यात्रा की सुविधाओं में भी सुधार किया गया है, जिससे अलग-अलग वेतनमान के कर्मचारियों को थर्ड एसी, सेकेंड एसी और फर्स्ट एसी या हवाई यात्रा की सुविधा जारी रखी जाएगी।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किया है, जिसके तहत जून और दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि अनुमन्य की गई है। वहीं, सरकारी वाहन चालकों को प्रतिवर्ष 3,000 रुपये का वर्दी भत्ता मिलेगा, जिससे उनकी कार्यशैली और जीवनस्तर में सुधार होगा।
सरकार ने एक ओर सेवारत कर्मचारियों को अधिक लाभ देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, तो दूसरी ओर रिक्त पदों को भरने की जरूरत को भी स्वीकार किया है। हालांकि, भर्ती प्रक्रिया की धीमी गति को देखते हुए युवाओं के मन में निराशा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन रिक्त पदों को भरने के लिए कितनी तेजी से कदम उठाती है, ताकि रोजगार की प्रतीक्षा कर रहे युवाओं को लाभ मिल सके और सरकारी कार्यों में कुशलता आ सके।