क्या हुआ जब चंपावत जिला प्रशासन के पास आई बड़े तीव्रता के भूकंप आने की सूचना,एक स्कूल की दीवार गिरने की भी खबर पढ़ें पूरी खबर

उत्तरा न्यूज डेस्क
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चम्पावत सह़योगी:- काली कुमाऊं चम्पावत में शनिवार को जबरदस्त तीव्रता के भूकंप आने की सूचना से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया सूचना अल सुबह आई सूचना के साथ ही स्कूल के दीवार गिरने की भी सूचना आई तत्काल सारा अमला मुस्तैद हो गया|
उक्त पूरा मामला माँक ड्रिल का है जिसके माध्यम से जिला प्रशासन ने अपनी तैयारिंया परखी| आईआरएस सिस्टम के रेस्पोंसिबल ऑफिसर डीएम रणवीर सिंह चौहान की ओर से भूकम्प और आग की घटनाओं की स्थिति उत्पन्न करते हुए नगर के चार क्षेत्रों में मॉक ड्रिल का आयोजन करवाया गया। प्रातः ठीक सात बजकर 27 मिनट पर चम्पावत में 5.6 तीव्रता का भूकम्प आने की सूचना प्राप्त मिलते ही आईआरएस सिस्टम सक्रिय हो गया। इसी के साथ सभी सेक्शनों के नोडल अधिकारी जिला कार्यालय परिसर में स्थापित इमर्जेन्सी ऑपरेशन सेक्शन में एकत्र हुए। इस के बाद बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया।

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डीएम ने बताया कि 7:27 बजे माउन्ट कार्मल स्कूल व राजकीय बालिका इण्टर कालेज चम्पावत में स्कूल की दीवार गिरने से बच्चों के बूरी तरह फंसे होने, कई स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बाधित होने, कुछ पर्यटकों के कुमांऊ मण्डल विकास निगम के विश्राम गृह के प्रथम तल में फंसे होने तथा टीआरएच में आग लगने, कुछ व्यक्तियों के घायल होने और जिला चिकित्सालय चम्पावत के प्रथम और द्वितीय तल में कुछ मरीजों तथा तीमारदारों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई।

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प्राप्त सूचनाओं के आधार पर त्वरित गति से राहत एवं बचाव कार्य के लिए रणनीति तैयार की गई। विशेष रणनीति के तहत स्टेजिंग एरिया से सेना, आईटीबीपी, एसएसबी, पुलिस, होमगार्ड, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, पीआरडी जवानों एवं फायर ब्रिगेड की संयुक्त टीम तैयार करते हुए प्रथम टीम स्टैजिंग एरिया से घटना स्थल माउन्ट कार्मल स्कूल को प्रातः 08:47 बजे भेजी गयी। टीम ने 9.00 बजे से मौके पर पहुॅचकर रेस्क्यू प्रारंभ किया। रेस्क्यू के दौरान 15 सामान्य घायल बच्चों की मरहम पट्टी की गई तथा 2 गंभीर घायलों को एम्बूलेंस से जिला चिकित्सालय भेजा गया।
दूसरी सूचना जीजीआईसी से मिली कि भूकम्प आने के दौरान दीवार गिरने से स्कूल में कुछ बालिकाएं घायल हुई हैं, द्वितीय टीम जीजीआईसी के लिए 8:50 में रवाना कर दी गई, इस दौरान टीम को वहां पर पांच घायल और तीन सामान्य घायल बालिकाओं को चिकित्सा उपचार के बाद घर भेज दिया गया। इस के अलावा गंभीर रूप से घायल दो बालिकाओं को हायर सेंटर भेजा गया। इधर चिकित्सालय के द्वितीय तल में मरीजों के फंसे होने की सूचना पर तीसरी टीम 8:52 में रवाना हुई।

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घायलों को निकालने के लिए रणनीति के अनुसार कार्यवाही करते हुए आर्मी, आईटीबीपी, एसएसबी, होमगार्ड, पैरामेडिकल स्टाफ, फायर ब्रिगेड की संयुक्त टीम ने 9:14 बजे पर मौके पर पहुॅचकर रेस्क्यू प्रारंभ किया। जिला चिकित्सालय में 5 घायलों में से तीन सामान्य घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर घायलों को चिकित्सालय में भर्ती किया गया।
टीआरएच में पर्यटकों के फंसे होने और आग लगने की सूचना पर त्वरित गति से कार्यवाही करते हुए पुलिस, सेना, एसएसबी, आईटीबीपी, पैरामेडिकल स्टाफ, फायर ब्रिगेड की संयुक्त टीम ने 9.10 बजे रेस्क्यू प्रारंभ किया और आग पर काबू पाते हुए दो गंभीर घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा।

मॉक ड्रिल सम्पन्न होने के पश्चात सभी अधिकारी कर्मचारी स्टैजिंग एरिया पुलिस लाईन में उपस्थित हुए और सम्पन्न हुई मॉक ड्रिल की ब्रीफिंग की गयी। जिलाधिकारी ने रेस्पोंस टाईम सभी कार्मिकों को भविष्य में भी आपसी समन्वय एवं बेहतर तालमेल से कार्य करने को कहा। साथ ही संबंधित अधिकारियों से आपदा घटित होने पर राहत एवं बचाव के दायित्वों को गंभीरता से लेने और 24 घण्टे अलर्ट पर रहने की बात कही।

आर्ब्जवर टीम में एसएसबी के सुमित, आईटीबीपी के कुन्दन सिंह, सेना के नागराज तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जोधा शामिल थे। मॉक ड्रिल में डिप्टी रेस्पोंसिबल ऑफीसर एसपी धीरेन्द्र गुज्याल, इंसीडेण्ट कमाण्डर टीएस मर्तोलिया सहित लाजिस्टिक सेक्शन के प्रभारी वरिष्ठ कोषाधिकारी एचपी गंगवार, स्टेजिंग एरिया मैनेजर अनिल गर्ब्याल, ऑपरेशन सैक्शन चीफ टीएस मर्तोलिया, ट्रांसपोर्ट ब्रॉच डायरेक्टर एआरटीओ, डिमोबलाईजेशन यूनिट हैड, डाक्यूमेंटेशन यूनिट के अशोक गुन्टी, सिचुएशन यूनिट के परियोजना अधिकारी एचजी भट्ट, जिला विकास अधिकारी सन्तोष पन्त, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी मनोज पाण्डेय सहित आईआरएस से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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