जैन धार्मिक पर्युषण एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो जैन समुदाय को अपने धर्म के प्रति जागरूक करने और आत्म शुद्धि के लिए प्रेरित करने वाला त्यौहार है। इसके लिए नगर निगम ने एक फैसला लिया है।
जैन धार्मिक पर्युषण पर्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में नगर निगम ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि 8 सितंबर को मांस- मछली और शराब की दुकान बंद रहेंगी। अगर कोई भी इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी की जाएगी।
गाजियाबाद नगर निगम उपमुख्यमंत्री चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी की तरफ से इसको लेकर सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। बताया जा रहा है कि जैन धार्मिक पर्युषण पर्व (क्षमा पर्व) दिनांक 08 सितम्बर 2024 को जैन समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाएगा। उक्त के क्रम में गाजियाबाद नगर निगम सीमान्तर्गत मांस/मछली व्यवसायियों को निर्देशित किया जाता है कि दिनांक 8 सिंतबर 2024 को मांस-मछली की दुकानें पूर्णतया बन्द रखें।
इस दिन पर किसी भी तरह की मांस- मछली का क्रय विक्रय नियम के विरुद्ध कहलायेगा और उसे पर कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। इसके लिए संबंधित व्यावसायिक पूर्ण रूप से स्वयं उत्तरदाई होंगे।
क्या है जैन धार्मिक पर्युषण पर्व
पर्युषण पर्व एक महत्वपूर्ण जैन त्योहार है, जो जैन समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार जैन धर्म के पालन और आत्म-शुद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। पर्युषण के दौरान, जैन अनुयायी उपवास, प्रार्थना और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं और अपने जीवन में सदाचार और नैतिकता को बढ़ावा देते हैं।
जैन अनुयायी धार्मिक अनुष्ठानों में लेते हैं भाग
यह त्यौहार आमतौर पर अगस्त्य सितंबर में ही मनाया जाता और इसकी अवधि 8 से 10 दिनों के बीच की होती है। इस पर्व के दौरान जैन अनुयाई धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं जैसे कि पूजा, आरती, और हवन। इसके साथ ही वह उपवास करते हैं और अपने आहार में सादगी और संयम का पालन करते हैं।