रैगिंग के चलते MBBS के छात्र की हुई मौत, अपने गांव का पहला नीट टॉपर था अनिल

गुजरात के पाटन जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, यहां एक मेडिकल कॉलेज के छात्र की रैगिंग के चलते जान…

MBBS student died due to ragging, Anil was the first NEET topper of his village

गुजरात के पाटन जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, यहां एक मेडिकल कॉलेज के छात्र की रैगिंग के चलते जान चली गई। अनिल मेथानिया, जो अपने छोटे से गांव का पहला लड़का था, जिसने NEET परीक्षा पास की थी, कॉलेज के सीनियर छात्रों ने तीन घंटे तक खड़ा रखा और बारी-बारी से सभी को अपना इंट्रोडक्शन देने के लिए मजबूर किया।

पाटन के धारपुर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में यह घटना हुई। 18 वर्षीय अनिल, जो एमबीबीएस के पहले वर्ष के छात्र थे, को सीनियर छात्रों ने 3 घंटे तक खड़ा रखा और बारी-बारी से सभी को अपना परिचय देने के लिए कहा। लंबे समय तक खड़ा रहने के कारण अनिल बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।


इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए 15 सीनियर छात्रों को सस्पेंड कर दिया और एफआईआर दर्ज की। अनिल के परिवार ने न्याय की मांग की है और आरोप लगाया कि रैगिंग के कारण उनके बेटे की जान चली गई।

अनिल मेथानिया, जो बिना कोचिंग के NEET परीक्षा में 550 अंक हासिल करने में सफल रहे थे, अपने गांव का पहला लड़का थे जिन्होंने यह परीक्षा पास की थी। वह ध्रांगध्रा तालुका के एक छोटे से गांव, जेसदा के निवासी थे, जहां की कुल जनसंख्या 5,000 है। उनका सपना था कि वह डॉक्टर बनें, और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की।

अनिल के पिता, नरवर भाई, जो एक किसान हैं, का कहना था कि वह अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। उन्होंने कहा, “हमारे बेटे के लिए हम अपनी ज़मीन भी बेचने को तैयार थे।”

यह घटना न केवल एक छात्र की जान का नुकसान है, बल्कि रैगिंग के गंभीर परिणामों को भी उजागर करती है, जो हर साल कई छात्रों की जिंदगी में दर्द और पीड़ा का कारण बनती है।