तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में शनिवार को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग परियोजना में बड़ा हादसा हो गया। सुरंग की छत का एक बड़ा हिस्सा धंस जाने से अंदर काम कर रहे आठ मजदूर फंस गए। अब तक उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता नहीं मिली है, जबकि 42 अन्य मजदूर किसी तरह अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। सुरंग में बचाव कार्य जारी है, लेकिन अंदर कीचड़ और धंस चुके हिस्से के कारण राहत अभियान में मुश्किलें आ रही हैं।
घटना शनिवार सुबह उस समय हुई, जब मजदूर सुरंग के अंदर काम कर रहे थे। अचानक मिट्टी और मलबा गिरने लगा, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। जो मजदूर बाहर की ओर थे, वे किसी तरह भाग निकले, लेकिन आठ लोग भीतर ही फंस गए। इनमें एक प्रोजेक्ट इंजीनियर, एक फील्ड इंजीनियर, चार मजदूर और दो बोरिंग मशीन ऑपरेटर शामिल हैं। सभी मजदूर उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और झारखंड से ताल्लुक रखते हैं।
बचाव कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। भारतीय सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स को भी राहत अभियान में शामिल कर लिया गया है। सेना ने अपने विशेष इंजीनियरिंग दल के साथ भारी उपकरण और मेडिकल सहायता भी मौके पर भेजी है।
बचाव अभियान में सबसे बड़ी दिक्कत सुरंग के भीतर जमा कीचड़ और मलबा है। राहत दलों ने जब सुरंग में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उन्हें अंदर जाने में परेशानी हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि मजदूर 14 किलोमीटर अंदर फंसे हुए हैं, जिससे उन्हें निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल, सुरंग के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है और बचाव दल लगातार सुरक्षित रास्ता तलाश रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर चर्चा की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उधर, मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और किसी भी कीमत पर मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
राज्य सरकार के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपल्ली कृष्णराव ने भी घटनास्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है और अगर जरूरत पड़ी, तो और भी विशेषज्ञ दलों को बुलाया जाएगा।
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग परियोजना का उद्देश्य श्रीशैलम जलाशय के बैकवाटर से पानी निकालकर सूखाग्रस्त नलगोंडा जिले को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराना है। चार दिन पहले ही इस परियोजना में दोबारा काम शुरू किया गया था, लेकिन अचानक हुई इस दुर्घटना ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने घटना पर गहरी चिंता जताई और इस हादसे की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर परियोजना में लापरवाही बरती गई है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, बचाव दल मजदूरों तक पहुंचने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं और सभी की निगाहें इस ऑपरेशन के सफल होने पर टिकी हुई हैं।