🔴 ❖ महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं?
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मतभेद अब सतह पर नजर आने लगे हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे ने कहा, “मुझे हल्के में मत लो”, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
🟠 ❖ 900 करोड़ की परियोजना पर टकराव
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब फडणवीस ने जालना में 900 करोड़ रुपये की एक बड़ी परियोजना को रोक दिया, जिसे शिंदे सरकार ने मंजूरी दी थी। इस फैसले से दोनों नेताओं के बीच दूरियां और बढ़ गई हैं। शिंदे गुट के समर्थकों का कहना है कि “अगर मुख्यमंत्री का फैसला उपमुख्यमंत्री पलट सकते हैं, तो इससे सरकार की छवि खराब होगी।”
🟡 ❖ 2022 की बगावत का संदर्भ
शिंदे ने अपने बयान में 2022 की घटनाओं की याद दिलाते हुए कहा, “जब मुझे हल्के में लिया गया, तो मैंने सरकार गिरा दी थी।” इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर होने वाला है?
🟢 ❖ राजनीतिक समीकरण और बदलते हालात
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिंदे और फडणवीस के बीच बढ़ता तनाव आने वाले चुनावों पर असर डाल सकता है। बीजेपी के भीतर भी इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। कुछ नेताओं का मानना है कि “अगर यह मतभेद जारी रहा, तो इसका फायदा विपक्ष को मिल सकता है।”
🟣 ❖ महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या शिंदे और फडणवीस के बीच की यह तनातनी महायुति सरकार के लिए खतरा बन सकती है? या फिर यह सिर्फ एक रणनीतिक दबाव का हिस्सा है? आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र की सत्ता में कौन बाजी मारता है और कौन मात खाता है!