प्रयागराज में महाकुंभ में मंगलवार की रात एक दर्दनाक भगदड़ की घटना घटी। इस घटना में लगभग 10 लोगों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। यह भगदड़ संगम नोज पर भीड़ के चलते मची थी, जो कि एक बड़े पैमाने पर आयोजित कार्यक्रम था।
पीड़ितों के अनुभव
इस घटना के समय वहां मौजूद रहे कुछ पीड़ितों ने अपने अनुभव साझा किए हैं। बिहार के औरंगाबाद से सूरज यादव ने बताया कि वह 12-13 लोग गंगा स्नान करने आए थे, लेकिन भगदड़ में उनकी मां दबकर मर गई। उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही दर्दनाक अनुभव था।
पत्नी की मौत हो गई, मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा…’
घटना में अपनी पत्नी को खो चुके फूलचंद विश्कर्मा ने बताया कि रात को हम गंगा में नहाकर निकले तो देखा उधर से गेट खुल गया है। दोनों ओर से पब्लिक थी. लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे। मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा।
‘आदमी पर आदमी गिरते गए, कोई उठा नहीं पाया’
औरंगाबाद से ही आए विनय कुमार नाम के एक शख्स ने बताया कि कुछ लोग घाट की तरफ जा रहे थे। इतने में आगे बढ़े कुछ लोग पीछे की ओर लौटने लगे। इधर से जा रहे लोगों ने धक्का दिया तो कोई बाहर ही नहीं निकल पाया और उस जगह कोई पुलिस नहीं थी। इस दौरान भीड़ में लोग गिरे और फिर आदमी पर आदमी गिरते गए। कोई उठा नहीं पाया और दबकर लोगों की मौत हो गई।
भगदड़ का कारण
महाकुंभ में भगदड़ का कारण बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर जाना बताया जा रहा है। इसके बाद लोग इधर-उधर भागने लगे और कई श्रद्धालुओं का सामान गिर गया, जिससे अव्यवस्था फैल गई। लोग एक दूसरे को रौंदते गए और कई लोग घायल हो गए हैं।
राहत और बचाव कार्य
इस हादसे के बाद पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब तक 19.94 करोड़ लोग लगा चुके गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन ने घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है।