महाकुंभ 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची प्रयागराज, देखें उनकी यह तस्वीरें

महाकुंभ 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज के संगम में डुबकी लगाई। डॉ राजेंद्र प्रसाद के बाद महाकुंभ में स्नान करने वाली वह दूसरी…

Maha Kumbh 2025: President Draupadi Murmu reached Prayagraj

महाकुंभ 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज के संगम में डुबकी लगाई। डॉ राजेंद्र प्रसाद के बाद महाकुंभ में स्नान करने वाली वह दूसरी राष्ट्रपति बनी। देखें उनकी अनदेखी फोटो।

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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज प्रयागराज महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाई। यह ऐतिहासिक पल है और वह ऐसा करने वाली दूसरी राष्ट्रपति बनी है।

राष्ट्रपति मुर्मू का आध्यात्मिक सफर न केवल भारतीय संस्कृति की गहराइयों को दर्शाता है बल्कि महाकुंभ के महत्व को भी दिखाता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सोमवार को संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उसके बाद सूर्य देव को जल देकर प्रणाम किया।

स्नान के बाद उन्होंने मां गंगा की पूजा अर्चना भी की। राष्ट्रपति मुर्मू आज सुबह विशेष विमान से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचीं, जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत किया। इसके बाद वे हेलिकॉप्टर से अरैल स्थित डीपीएस हेलीपैड पर उतरीं, जहां से उन्हें कार द्वारा अरैल घाट ले जाया गया।

संगम तक उनकी यात्रा काफी भव्य रही क्योंकि वह क्रूज के जरिए संगम तट पर पहुंची जहां उन्होंने श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पवित्र स्नान किया और फिर पूजन अर्चन किया।

भारतीय इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि केवल डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने महाकुंभ में स्नान किया था। अब द्रौपदी मुर्मू ने इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है। संगम में स्नान करने के बाद मुर्मू अक्षय वट के दर्शन करने भी गई। अक्षयवट को हिंदू धर्म में अमरता का प्रतीक माना जाता है और इसकी महिमा अनेक पुराणों में भी वर्णित है।

इसके बाद राष्ट्रपति प्रयागराज के प्रसिद्ध लेटे हुए बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना किया। यह मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और माना जाता है कि यहां दर्शन करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू प्रयागराज में कुल 8 घंटे से अधिक समय बिताएंगी। अपने धार्मिक कार्यक्रमों के बाद वह शाम को करीब 5:45 बजे प्रयागराज से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। महाकुंभ 2025 में राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा ऐतिहासिक होगी, जो भारतीय संस्कृति, आस्था और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रमाण है।

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