‘मां तुम कब सुस्ताती’ काव्य संग्रह के केंद्र में है पहाड़ की व्यथा कथा

पिथौरागढ़। वरिष्ठ पत्रकार भक्त दर्शन पांडे के पहले कविता संग्रह ‘मां तुम कब सुस्ताती’ का रविवार को समारोह पूर्वक विमोचन हुआ, जिसमें उनकी कविताओं के…

'Maa Tum Kab Sustati' poetry collection published

पिथौरागढ़। वरिष्ठ पत्रकार भक्त दर्शन पांडे के पहले कविता संग्रह ‘मां तुम कब सुस्ताती’ का रविवार को समारोह पूर्वक विमोचन हुआ, जिसमें उनकी कविताओं के विभिन्न पक्षों पर विस्तार से चर्चा हुई। वक्ताओं ने उनकी कविताओं को पहाड़ की रीढ़ महिलाओं के संघर्ष को दर्शाने वाली, यहां के जनजीवन की विसंगतियों, समस्याओं और अपने समय व समाज को व्यक्त करते हुए उद्वेलित तथा दिशा देने वाली बताया।


नगरपालिका सभागार में आयोजित विमोचन समारोह में सर्वप्रथम काव्य संग्रह के लेखक भक्त दर्शन पांडे ने पुस्तक को लिखने की यात्रा, प्रेरणा और उद्देश्य आदि पर बात रखी। इस दौरान वह संग्रह की शीर्षक कविता ‘ मां तुम कब सुस्ताती’ सुनाते हुए भावुक भी हो गए।


पूर्व प्रधानाचार्य पीतांबर असस्थी ने कविता संग्रह को आधुनिक पी़ढ़ी के लिए अच्छा संदेश और ज़िले के लिए नई उपलब्धि बताया। जगदीश कलौनी ने इस पर खुशी जतायी। दिनेश ओझा ने कविता संग्रह को सकारात्मक बताते हुये साहित्य के कार्य को आगे बढ़ाते रहने के लिये कहा। महाविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष परमानंद चौबे ने इस सग्रह से समाज को नयी दिशा मिलने की बात कही।

मुख्य अतिथि एलएसएम महाविद्यालय पिथौरागढ़ में इतिहास विभाग की प्रवक्ता सरोज वर्मा और हिन्दी विभाग की प्रवक्ता वसुंधरा उपाध्याय, लेखक व शिक्षक महेश पुनेठा, चिंतामणि जोशी, पर्वतीय पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय वर्धन उप्रेती, केदार दत्त पांडे, प्रकाश पुनेठा, पत्रकार कुंडल सिंह चौहान, पुष्कर दत्त जोशी, कवि ललित शौर्य, राजेश मोहन उप्रेती, डॉ हेम पांडे, डॉ आनंदी जोशी, भगवान रावत, बसंत भट्ट, दिनेश पंत, विप्लव भट्ट, डॉ सरस्वती कोहली सहित अनेक वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पुनेठा ने किया। इस अवसर पर पद्मश्री बसंती देवी, वरिष्ठ पत्रकार दीपक गुप्ता, यशवंत महर, राजेश पंगरिया, राम सिंह एड अजय बोरा, जयमाला देवलाल, हेमा थलाल, मंजू बाला, चंचल बोरा, गजेंद्र बोरा सहित साहित्य और पत्रकारिता जगत से जुड़े लोग मौजूद थे।