नवरात्र में सातवें दिवस मां कालरात्रि की पूजा का प्रावधान है।
कालरात्रि जय जय महाकाली, काल के मुंह से बचाने वाली। दुष्ट संगारण नाम तुम्हारा, महा चंडी तेरा अवतारा। पृथ्वी और आकाश पे सारा, महाकाली है तेरा पसारा। खंडा खप्पर रखने वाली, दुष्टों का लहू चखने वाली। कलकता स्थान तुम्हारा, सब जगह देखू तेरा नजारा। सभी देवता सब नर नारी, गावे स्तुति सभी तुम्हारी। रक्तदन्ता और अन्न पूर्णा, कृपा करे तो कोई भी दुःख ना। ना कोई चिंता रहे ना बिमारी, ना कोई गम ना संकट भारी। उस पर कभी कष्ट ना आवे, महाकाली माँ जिसे बचावे। तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह, कालरात्रि माँ तेरी जय। जय माता दी।