नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है।
जय माँ चन्द्रघंटा सुख धाम । पूर्ण कीजो मेरे काम ।। चन्द्र समान तू शीतल दाती । चन्द्र तेज किरणों में समाती ।। क्रोध को शांत बनाने वाली । मीठे बोल सिखाने वाली ।। मन की मालक मन भाती हो । चन्द्र घंटा तुम वरदाती हो ।। सुंदर भाव को लाने वाली । हर संकट मे बचाने वाली ।। हर बुधवार जो तुझे ध्याये । श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय ।। मूर्ति चंदर आकार बनाये । सन्मुख घी की ज्योत जलाये ।। शीश झुका कहे मन की बाता । पूर्ण आस करो जगदाता ।। कांची पुर स्थान तुम्हारा । करनाटिका मे मान तुम्हारा ।। नाम तेरा रटू महारानी । हमारी रक्षा करो माँ चन्द्रघंटा ।।