Forest Panchayats should be brought under the purview of Forest Rights Act: Lok Prabandh Vikas Sanstha demand
Lok Prabandh Vikas Sanstha की बैठक में वन पंचायत के सम्मुख आ रही समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा कर उनके समाधान के उपायों पर विमर्श किया गया। बैठक में सरपंचों द्वारा लीसा रॉयल्टी की धनराशि तत्काल ब्याज सहित अवमुक्त करने, माइक्रोप्लान की अनिवार्यता समाप्त करने, सरपंचों व पंचों को मानदेय देने, पंचायती वनों का सीमांकन करने, अतिक्रमण हटाने की मांग की
अल्मोड़ा, 27 अगस्त 2022-लोक प्रबंध विकास संस्था(Lok Prabandh Vikas Sanstha) की ओर से में ताकुला-बसौली घाटी के वन पंचायत सरपंचों व पंचों की एक दिवसीय कार्यशाला ईनाकोट में हुई। वन पंचायतों को वनाधिकार कानून के दायरे में लाने की मांग प्रमुखता से उठाई गयी।
बैठक में वन पंचायत के सम्मुख आ रही समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा कर उनके समाधान के उपायों पर विमर्श किया गया।
Lok Prabandh Vikas Sanstha की बैठक में सरपंचों द्वारा लीसा रॉयल्टी की धनराशि तत्काल ब्याज सहित अवमुक्त करने, माइक्रोप्लान की अनिवार्यता समाप्त करने, सरपंचों व पंचों को मानदेय देने, पंचायती वनों का सीमांकन करने, अतिक्रमण हटाने की मांग की।
इस अवसर पर ईश्वर जोशी द्वारा वन पंचायत नियमावली के विभिन्न प्रावधानों एवं माइक्रोप्लान की जानकारी दी गयी। जबकि सरपंच संगठन के सचिव दिनेश लोहनी ने माइक्रोप्लान निर्माण में वन विभाग का सहयोग न मिलने पर आक्रोश जताया।
वहीं सरपंच संगठन के अध्यक्ष डुंगर सिंह भाकुनी ने संगठन को मजबूत बनाने की वकालत की। सरपंच जया काण्डपाल ने पंचायती वनों के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाये जाने पर जोर दिया।
सरपंच देवेन्द्र सिंह व बहादुर सिंह ने जायका के अनुभवों को साझा किया। बैठक में तय किया गया कि शीघ्र ही एक शिष्ठमंडल प्रभागीय वनाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें समस्याओं से अवगत करायेगा।
बैठक को सरपंच इन्द्रा देवी, नंदी देवी, गंगा पाण्डे, दीवान सिंह, महेन्द्र सिंह, पूरन सिंह, जगदीश बिष्ट, दीप्ति भोजक, सुरेश सिंह आदि ने संबोधित किया।