लॉकडाउन (Lockdown) के लंबा चलने के कारण नेपाली श्रमिक जान जोखिम में डालकर भी घर जाने को आतुर
पिथौरागढ़। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर चल रहे लॉकडाउन (Lockdown) के बीच भारत और नेपाल ने अपनी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी सील कर रखी है। ऐसे में लगभग डेढ़ हजार नेपाली श्रमिक नेपाल से सटी पिथौरागढ़ जिले की सीमाओं पर रोके गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा संख्या में नेपाली श्रमिक धारचूला क्षेत्र में कई दिनों से अलग अलग जगह फंसे हैं।
हालांकि प्रशासन ने इनके रहने-खाने की व्यवस्था की है, लेकिन अब उनका धैर्य जवाब दे रहा है और वह किसी भी तरह नेपाल अपने घर पहुंचना चाहते हैं। इसी का नतीजा है कि सोमवार को विषपति पर्व यानि वैसाखी के दिन कुछ नेपाली नागरिकों ने महाकाली नदी में छलांग लगा दी।
जानकारी के अनुसार एसएसबी के गश्ती दल ने इनमें से 6 को नदी से ही पकड़ लिया, जब 5 लोग तैरकर नदी पार नेपाल पहुंच गए। बताया जा रहा है कि नदी पार कर नेपाल में प्रवेश करने वाले 5 लोगों को नेपाल के जंगलों से ढूंढ कर क्वारंटाइन कर दिया है। इधर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े गए 6 लोगों को पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
जिला मुख्यालय लाए जा रहे हैं अनेक श्रमिक
वहीं तीन-चार दिन पहले बलवाकोट क्षेत्र और उससे पहले भी सीमा पर कुछ मजदूरों ने इसी तरह नदी में कूद कर नेपाल जाने की कोशिश की थी। ऐसे में अराजकता की स्थिति पैदा न हो और सीमा पर रोके गए श्रमिकों में तनाव न बढे, इसके मद्देनजर मंगलवार को करीब डेढ़ सौ मजदूर जिला मुख्यालय लाए गए, जिन्हें डिग्री कालेज, जीआईसी व अन्य जगह बनाए गए राहत शिविरों में रखा जा रहा है। इनमें कुछ भारतीय श्रमिक भी शामिल हैं।
नेपाल ने भी 30 अप्रैल तक किया लॉकडाउन (Lockdown)
जानकारी के अनुसार चूंकि नेपाल सरकार ने भी लाकडाउन की अवधि 15 से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी है। ऐसे में सीमा क्षेत्रों से और श्रमिकों को जिला मुख्यालय लाए जाने की संभावना है, जिससे कि सीमा क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत ना आए। मंगलवार को डीएम डा.वीके जोगदंडे, एडीएम आरडी पालीवाल व एसडीएम सदर तुषार सैनी ने डिग्री कालेज पिथौरागढ़ व जीआईसी में श्रमिकों के रहने-खाने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।