अल्मोड़ा:12 अप्रैल- लाँक डाउन (lock down)के चलते वैसे तो सभी लोग परेशान हैं |
लेकिन सबसे अधिक परेशानी हो रही है आवारा घूमने बेजुबानों को होटल, ढ़ाबे और अन्य दुकानों के बंद होने से इन जानवरों के सामने भूखे मरने की नौबत आने लगी है|
लेकिन मानवता इस दौर में सबसे सुखद और वास्तविक दौर में दिख रही है जब लोग खुद इन जानवरों के लिए मसीहा बन कर सामने आ रहे हैं|
अल्मोड़ा में कई लोग इन बेजुबानों को खाना दे रहे हैं और बिना प्रचार के अपना काम कर रहे हैं|
नगर के गुलनार खान, मनन खान, बिलाल खान ब साहिब शेरी हो या फिर लावण्य पंत, या हमेशा की तपह पशुओं की सेवा में रमी रहने वाली कामिनी कश्यप सेवाभाव को प्रचारित किए बिना ही अपने काम में लगे हुए हैं|
पशु प्रेमी गुलनार खान अल्मोड़ा क्षेत्र के आवारा जानवरो को अपने स्तर से रोजाना खाना खिला रहे हैं, कई बीर खाना खत्म हो जाने पर इन्हें दुकान से खरीदकर बिस्कुट आदि भी देना पड़ रहा है|
इन जानवरों में बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते भी हैं जिनका कोई ठौर नहीं, गुलनार के साथ उनके पुत्र मनन व बिलाल भी अपने स्तर से पूरी मदद कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने भी लाँक डाउन के दौरान उन्हें इस कार्य के लिए अनुमति दी है|
इधर पशु प्रेमी कामिनी कश्यप व लावण्य पंत भी अपने स्तर से इस कार्य में लगे हैं, कामिनी भी नियमित रूप से बेजुबानों को खाना व पीने के पानी की व्यवस्था में जुटी हुई हैं|