अल्मोड़ा: मासूम बच्चों को नहला दिया लीसे से(Lisa put on innocent children), सीडब्लूसी सहित विभिन्न संगठनों ने जताया रोष

Lisa put on innocent children, various organizations expressed anger स्याल्दे तहसील के टिटरी ग्राम पंचायत के गुरना गांव में लीसा कार्य से जुड़े लोगों ने…

Lisa put on innocent children, various organizations expressed anger

स्याल्दे तहसील के टिटरी ग्राम पंचायत के गुरना गांव में लीसा कार्य से जुड़े लोगों ने मासूम बच्चों को लीसे से नहला दिया(Lisa put on innocent children)। लीसा शरीर में पड़ने थे कुछ बच्चों की तबीयत भी बिगड़ गयी। इस निर्दयता पूर्ण घटना की सर्वत्र निंदा हो रही है।
जानकारी के अनुसार बच्चों का कूसूर इतना था कि उन्होंने लीसे के कुछ गमलों को पेड़ से हटा दिया। इतने में ही लीसा कार्य से जुड़े श्रमिकों का पारा चढ़ गया और वह मासूम बच्चों को खुद खौफनाक सजा देने में उतर आये।

अल्मोड़ा, 28जुलाई 2022—स्याल्दे तहसील के टिटरी ग्राम पंचायत के गुरना गांव में लीसा कार्य से जुड़े लोगों ने मासूम बच्चों को लीसे से नहला दिया। लीसा शरीर में पड़ने थे कुछ बच्चों की तबीयत भी बिगड़ गयी। इस निर्दयता पूर्ण घटना की सर्वत्र निंदा हो रही है।


जानकारी के अनुसार बच्चों का कूसूर इतना था कि उन्होंने लीसे के कुछ गमलों को पेड़ से हटा दिया। इतने में ही लीसा कार्य से जुड़े श्रमिकों का पारा चढ़ गया और वह मासूम बच्चों को खुद खौफनाक सजा देने में उतर आये।


उन्होंने इस कृत्य का वीडियों भी बनाया जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। लीसा श्रमिकों ने बच्चों से एक—एक कर नाम पूछा और फिर उन्हें लीसे से नहला दिया। अब पूरे क्षेत्र में लोग इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं।

बच्चों के साथ हुई घटना पर बाल कल्याण समिति गंभीर, सख्त कार्रवाई की मांग

स्याल्दे के गुरना गॉव में 5 मासूम बच्चों के सिर में लीसा डालने और उनका उत्पीड़न करने की घटना को जिला बाल कल्याण समिति अल्मोड़ा ने गंभीरता से लिया है। जिला बाल कल्याण समिति ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा-30 के अंतर्गत मामले का स्वयं संज्ञान लेते हुए घटना पर विचार किया और पाया कि यह बच्चों के देखरेख, सुरक्षा व संरक्षण के विरूद्व की गयी कार्यवाही है। मामले की जांच एवं विधिक कार्यवाही के लिए बाल कल्याण समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मेाड़ा को पत्र भेजा है ताकि बच्चों के उत्पीड़न करने वालों के विरूद्व कानूनी कार्यवाही प्रारम्भ हो सके। बाल कल्याण समिति ने इसके अतिरिक्त चाईल्ड लाईन को भी निर्देशित किया है कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट जिला बाल कल्याण समिति अल्मेाड़ा के सम्मुख प्रस्तुत करें ताकि बाल हित में बच्चों के संरक्षण व सुरक्षा के सवाल पर बाल कल्याण समिति उचित निर्णय ले सके। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रघु तिवारी ने कहा कि जिले में किसी भी बच्चे के उत्पीड़न, देखरेख व संरक्षण के सवाल पर जिला बाल कल्याण समिति अल्मोड़ा गंभीर है और मिशन वात्सल्य के अंतर्गत प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा व संरक्षण प्रदान किया जायेगा।

खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने भी जताया आक्रोश

स्याल्दे की इस घटना पर खानपुर के विधायक उमेश शर्मा ने भी कड़ा आक्रोश जताया है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि
”यह बेहद दुखद और ख़ौफ़नाक दृश्य है ये ।
नौनिहालों के साथ हो रहा बेहद घिनौना अत्याचार तहसील स्याल्दे, पटवारी कुमालेश्वर, ग्राम पंचायत टिटरी, ग्राम गुरना, जिला अल्मोड़ा में वन विभाग जौरासी ग्राम पंचायत सानेभीरा,ग्राम चोना के जंगल में लीसा ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा किया गया है घृणित कार्य, घर से बुला कर ले गए थे बच्चो को और सिर पर डाल दिया लीसा।
बच्चों का दोष है कि उन्होंने चंद गमले गिरा दिए थे ।
उत्तराखंड सरकार से कृपया संज्ञान लेकर कर उचित कार्यवाही करे।
Pushkar Singh Rawat जी संज्ञान लें ।
DM Almora

लीसा निकालने में भी नियमों की अनदेखी,एक पेड पर लगाए है कई गमले


पूरे मामले में लीसा कार्य से जुड़े लोगों ने जितना निर्दयतापूर्ण व्यवहार ​बच्चों के साथ दिखाया है उतने ही निर्दय वह पेड़ों से लीसा निकालने के मामले में भी दिख रहे हैं। वायरल वीडियों मे दिख रहा है कि लीसा श्रमिकों ने एक पेड़ पर तीन, चार या पांच गंमले भी लगाए हैं।

जबकि गमलों की संख्या पेड़ की मोटाई की अनुसार लगाई जाती है। एक पेड़ पर चार—पांच गमले लगाने नियम संगत नहीं है। पेड़ भी सामान्य मोटाई के हैं। यानि मामले की जांच यहां भी की जाय तो इन लोगों ने लीसा निकालने में भी नियमों की अवहेलना भी की है। इस तरह यदि मनमर्जी से पेड़ों में गमले लगाए जायं तो पेड़ जल्दी सूख सकते हैं।