Pithoragarh- गुलदार ने गांव के बीच टूटे फ़ूटे मकान में दिया शावकों को जन्म

पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सटे ग्राम सिल्पाटा में सोमवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। गांव में स्थित एक वीरान और टूटे फ़ूटे…

IMG 20230313 WA0018

पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सटे ग्राम सिल्पाटा में सोमवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। गांव में स्थित एक वीरान और टूटे फ़ूटे मकान में गुलदार के तीन शावक मिलने से लोगों में खलबली मच गई। सोमवार सुबह गांव के लोगों को जब इस बात का पता चला तो वहां दहशत फैल गई। ग्रामीणों को किसी तरह बच्चे, गुलदार के होने की बात पक्की समझने पर मामले की सूचना वन विभाग को दी गई।

सूचना पर पिथौरागढ़ वन क्षेत्र के रेंजर दिनेश जोशी के नेतृत्व में टीम तुरंत सिल्पाटा गांव पहुंची। मादा गुलदार के खौफ के बीच टीम ने शावक गुलदार के होने की पुष्टि की। रेंजर जोशी ने बताया कि तीन शावकों के अलावा फिलहाल मादा गुलदार नहीं दिखाई दी है। वन विभाग की टीम मौके की मानिटरिंग कर रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और उस तरफ आवाजाही न करने को कहा गया है। इसके अलावा खासकर सुबह शाम बच्चों को अकेले न छोड़ने की ताकीद की गई है।

बता दें कि गांव में करीब 15 – 20 कमरों का एक मकान लंबे समय से वीरान और क्षतिग्रस्त हालत में मौजूद है। उस मकान के पीछे एक तरह से जंगल लगभग शुरू हो जाता है। रेंजर जोशी कहते हैं कि ऐसे में गुलदार ने पहले से उसे आशियाना बना रखा है, इस बात की काफी संभावना है। उन्होंने कहा कि गुलदार शायद क्षतिग्रस्त मकान के जंगल की तरफ के पिछले हिस्से से ही मकान में आवाजाही कर रही थी और इस बीच सुरक्षित महसूस करते हुए उसने वहीं अपने शावकों को जन्म भी दे दिया।

उन्होंने कहा कि किसी के द्वारा शावकों से छेड़छाड़ करने या फिर मादा गुलदार की आवाजाही के समय उसके रास्ते में आने पर ही उसके हमलावर होने की संभावना है। फिलहाल वन विभाग उसके शावकों को शिफ्ट नहीं कर सकता, क्यों कि ऐसे में मादा गुलदार के खतरनाक होने की पूरी संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि विभाग की टीम, अभी तो कुछ रोज गुलदार द्वारा खुद अपने बच्चों को उस मकान से शिफ्ट करने का इंतजार करेगी और रात में ग्रामीणों के सोने के समय लगभग 9 – 10 बजे तक मौके पर नजर बनाए रखेगी।