Leopard imprisoned in cage synonymous with terror
अल्मोड़ा, 08 जनवरी 2021
आतंक का पर्याय बना गुलदार (Leopard) पिंजरे में कैद हो गया है। गुलदार अब तक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका था। गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
ताकुला विकास खंड के कफड़खान क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार का आतंक बना हुआ था। ग्रामीणों ने वन विभाग से शिकायत कर क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की थी।
ग्रामीणों की शिकायत के बाद कफड़खान के भेटुली गांव वन विभाग ने पिंजरा लगाया हुआ था। लेकिन गुलदार उसमे फंस नहीं रहा था। जिससे वन विभाग की चिंता बढ़ने के साथ—साथ ग्रामीणों में दहशत बरकरार थी।
गुरुवार रात गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम मौके पर गांव में पहुंची। गुलदार की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम रातभर गुलदार का पहरा देती रही।
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प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने बताया कि गुलदार (Leopard) को ट्रैंकुलाइज करने के बाद आज सुबह रेसक्यू सेंटर लाया गया। जहां उसका मेडिकल कराया गया। मादा गुलदार की उम्र करीब 6 साल है और वह पूरी तरह स्वस्थ है। मेडिकल के बाद आज देर शाम गुलदार को जंगल में छोड़ दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि गुलदार कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका था। क्षेत्र में गुलदार की गतिविधि लगातार बढ़ती जा रही थी। ग्रामीणों ने क्षेत्र में और गुलदार होने की आशंका जताई है।