डेस्क— राजनीतिक संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लग गया है।राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज ही इसकी सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार शाम मंजूरी दे दी।
लंबी जद्दोजहद के बाद भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत 6 माह के लिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन तत्काल से लागू कर दिया है। राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी की सिफारिश के बाद केंद्रीय केबिनेट द्वारा राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर दी गई थी। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 19 दिन तक सभी विकल्पों को चलाने के बाद संविधान के तहत राष्ट्रपति शासन का फैसला लिया है।
288 सीटों वाले महाराष्ट्र में किसी भी दल द्वारा सरकार बनाए जाने के स्पष्ट बहुमत नहीं होने के कारण राष्ट्रपति शासन लगाया गया है।जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105,शिवसेना के पास 56 सीटें हैं जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। हालांकि उठापटक के बीच भाजपा सरकार बनाने के लिए दावा करने से मना कर चुकी है।
बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच लंबी बातचीत के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनने का रास्ता स्पष्ट नहीं हो पाया था। विभिन्न राजनीतिक दलों ने राज्यपाल के इस फैसले का विरोध किया है तथा शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के इस निर्णय को चुनौती देने हेतु याचिका भी दायर कर दी है।