महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (MSSC) योजना में निवेश करने का समय अब सीमित रह गया है। सरकार ने अभी तक इस योजना को आगे बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की है, इसलिए 31 मार्च 2025 तक इसमें निवेश करने का अंतिम मौका है।
यह योजना डाकघर और कुछ चयनित बैंकों के माध्यम से संचालित की जाती है, जिससे महिलाओं को सुरक्षित और उच्च ब्याज दर के साथ निवेश करने का अवसर मिलता है। यदि किसी महिला ने अब तक इस योजना का लाभ नहीं उठाया है, तो उसे जल्द से जल्द इसमें निवेश कर लेना चाहिए, क्योंकि सरकार इसे आगे जारी रखेगी या नहीं, इस पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 31 मार्च 2023 को MSSC योजना की शुरुआत की थी। इसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत दो साल के लिए लागू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, जिससे वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना दो साल की परिपक्वता अवधि के साथ आती है, जिसके बाद निवेश की गई राशि के साथ ब्याज का भुगतान किया जाता है।
महिलाओं के लिए यह योजना इसलिए भी आकर्षक है क्योंकि इसमें सालाना 7.5% की ब्याज दर दी जाती है, जो बैंकों की दो साल की सावधि जमा (FD) योजनाओं से अधिक है। यह एक सुरक्षित सरकारी योजना है, जिसे पोस्ट ऑफिस और चयनित बैंकों के माध्यम से खोला जा सकता है। किसी भी भारतीय महिला को इस योजना के तहत न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 2 लाख रुपये का निवेश करने की अनुमति है। योजना की कुल अवधि दो साल की होती है, जिसके बाद मूलधन के साथ ब्याज का भुगतान किया जाता है।
अगर किसी निवेशक को एक साल बाद धन की आवश्यकता होती है, तो वह अपनी जमा राशि का 40% तक निकाल सकती है। इसके अलावा, कुछ विशेष परिस्थितियों में खाता समय से पहले भी बंद किया जा सकता है, जैसे गंभीर बीमारी की स्थिति में या खाताधारक की मृत्यु होने पर। हालांकि, छह महीने बाद खाता बंद करने पर ब्याज दर में कटौती की संभावना हो सकती है।
सरकार ने MSSC योजना को आगे बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की है, इसलिए 31 मार्च 2025 तक ही निवेश किया जा सकता है। यह योजना महिलाओं के लिए सुरक्षित और उच्च ब्याज दर वाला एक बेहतरीन निवेश विकल्प है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य मिल सकता है।