कांग्रेस के घमासान पर कुंजवाल का संकल्प ! तो 16 अगस्त को त्यागपत्र दे देंगे कुंजवाल ?

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में यू तो कांग्रेस ने तमाम जिलों में जिला अध्यक्षों की घोषणा की ,कहीं नए अध्यक्ष बने तो कहीं पुराने अध्यक्ष ही रिपीट…

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में यू तो कांग्रेस ने तमाम जिलों में जिला अध्यक्षों की घोषणा की ,कहीं नए अध्यक्ष बने तो कहीं पुराने अध्यक्ष ही रिपीट किए गए। लेकिन अल्मोड़ा में वो पसंद वो नहीं पसंद के वरिष्ठ नेताओं की तिड़कम ने अल्मोड़ा में ना केवल पार्टी में अंतर्कलह दिखा वरन यहां कांग्रेस गुटों के बाद खेमों में बंटी नजर आई। मामले पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल की ओर से अल्मोड़ा में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति मामले में नाराजगी जताने और प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष से वार्ता करने के बाद मीडिया में इस प्रकरण में हाईकमान द्वारा जल्द हस्तक्षेप नहीं होने पर स्तीफा देने और 15 अगस्त को मीडिया के सामने पूरी बात रखने की चेतावनी ने आग में घी का काम कर दिया।

इसके बाद कार्यकर्ताओं के सामने असमंजस की स्थिति आ गयी वहीं जिम्मेदार पदों पर काबिज पदाधिकारी भी रहस्यमयी चुप्पी साध गए। इधर कुंजवाल की स्तीफे की घोषणा के बाद अल्मोड़ा में नेताओं का जमघट लगना शुरू हो गया है। राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण सहित कई नेताओं ने लगातार कुंजवाल से मुलकात की। पीडब्लूडी में गहन मंत्रणा भी हुई सूत्रों के मुताबिक 15 अगस्त को पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय अल्मोड़ा आ सकते हैं।

इधर यह बात भी सामने आई है कि यदि कुंजवाल ने कांग्रेस छोड़ी तो कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा उनके समर्थन में पार्टी को अलविदा कर सकता है। कार्यकर्ताओं का यह कहना है कि हरीश रावत के केन्द्रीय कार्यकारिणी में सक्रिय होने के बाद सीएम पद के दो चेहरे थे। जिसमें एक कुंजवाल और दूसरे प्रीतम सिंह  कुंजवाल के समर्थकों का कहना है कि कुंजवाल को नीचा दिखाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इधर इस पूरे प्रकरण से कार्यकर्ताओ में और हरीश रावत कैंप के नेताओ में एक दूसरे के खिलाफ अविश्वास पनप रहा है, आगामी लोकसभा चुनावो में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

हालत यह है कि अल्मोड़ा में कांग्रेस के क्षत्रपो में आपस में ही संवादहीनता की स्थिति पैदा हो चुकी है।सुनी सुनाई है कि कुंजवाल मनोज तिवारी की भूमिका को लेकर भी नाखुश हैं। वहीं पूर्व हो चुके अध्यक्ष पीताबंर पांडे के लिए भी कार्यकर्ताओं के बीच सहानुभूति पनपने लगी है।

एक बड़ा धड़ा अकारण उन्हें हटाए जाने से जहां अचंभित है वहीं बड़े नेताओं के स्वार्थ की लड़ाई पर भी नाराजगी जता रहा है। इधर पीसीसी चीफ के अल्मोड़ा आने और राज्य सभा सांसद सहित अन्य नेताओं के अल्मोड़ा में डेरा डालने और मंगलवार को जिलाध्यक्ष मोहन सिंह महरा से मुलाकात करने के बाद एक और बात तैर रही है कि संभवतः मोहन सिंह महरा को मना लिया जाएगा। और नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में उन्हें पीसीसी भेजा जा सकता है। यदि महरा मान गए तो कांग्रेस में एक नया चेहरा सामने आ सकता हैं। इस लाइन में तारा चंद्र जोशी और पीसीसी सचिव त्रिलोचन जोशी जैसे कई चेहरे फ्रंट लाइन में हैं।