बड़ रहा है सकारात्मकत पहल का काफिला— कोसी संरक्षण(kosi conservation) को रैंगल और रौनडाल के विद्यार्थियों के साथ हुआ संवाद

Kosi conservation talks with students of Wrangel and Rondal अल्मोड़ा, 19 जनवरी 2023— कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को…

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Kosi conservation talks with students of Wrangel and Rondal

अल्मोड़ा, 19 जनवरी 2023— कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने(kosi conservation), स्थानीय स्तर पर जंगलों एवं जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के पहल के तहत बुधवार को राजकीय इंटर कालेज रैंगल तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रौनडाल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

Kosi conservation talks with students of Wrangel and Rondal
Kosi conservation talks with students of Wrangel and Rondal


कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी के फार्मेसिस्ट गजेन्द्र कुमार पाठक ने कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों में जलस्तर में कमी आने के कारणों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि बांज, बुरांश, काफल आदि चौड़ी पत्ती प्रजाति के जंगलों के अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन तथा निरंतर जंगलों में जंगलों में आग लगने के कारण वर्षा जल को भूजल में बदलने की जंगलों की क्षमता लगातार घट रही है जिस कारण जल स्त्रोतों में पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है।


इसके अलावा वैश्विक तापवृद्धि जनित जलवायु परिवर्तन के कारण शीतकालीन वर्षा और बर्फबारी में उल्लेखनीय गिरावट आई है जो जल स्त्रोतों में पानी कम होने का एक बड़ा कारण है।
कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने हेतु वर्तमान में उपलब्ध जंगलों का संरक्षण और संवर्धन बेहद जरूरी है इसके लिए जंगलों पर ग्रामीणों को निर्भरता कम करके,वनाग्नि के प्रमुख कारण ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित कर और जनसहयोग से जंगलों को आग से सुरक्षित रख न केवल जल स्त्रोतों को संरक्षित किया जा सकता है वरन जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि के दुष्परिणामों को भी कम किया जा सकता है।
आरडी जोशी ने जागरूकता कार्यक्रम को बेहद सफल बताते हुए ग्रामीणों का आह्वान किया कि जंगलों की मानव जीवन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए जंगलों को आग से सुरक्षित रखने में वन विभाग को सहयोग प्रदान करें।


उप वन क्षेत्राधिकारी हेम चन्द्र द्वारा स्याहीदेवी -शीतलाखेत क्षेत्र के जंगलों को बचाने में महिलाओं द्वारा दिये जा रहे योगदान की सराहना करते हुए जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान को अन्य गांवों में ले जाने पर जोर दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल गुरूरानी ने जंगलों को आग और नुकसान से सुरक्षित रखने में महिला मंगल दलों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें आर्थिक सहायता देने की मांग की और ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे परिवारों को खाना पकाने की गैस पर सब्सिडी देने की मांग की।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश लटवाल द्वारा जंगलों को आग से सुरक्षित रखने में ग्रामीणों की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
महिला मंगल दल खरकिया और नौला से सोनिया बिष्ट और राधा देवी द्वारा महिला मंगल दलों द्वारा पिछले बीस सालों से चल रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में राजकीय इंटर कालेज रैंगल के प्रधानाचार्य आरपी जोशी, वन बीट अधिकारी किशोर चंद्र, रंजीत सिंह, कविता मेहता, दीप जोशी, भुवन चंद्र जोशी, गोपाल सिंह, केएस बिष्ट, सौरभ वर्मा, दीवान सिंह, जानकी देवी, हेमा देवी, बबीता देवी, दीपा तिवारी, किरन तिवारी, तुलसी बिष्ट समेत डोल,सड़का,ओलियागांव , बेड़गांव, सिद्धपुर,कुमान, रौन, डाल,रैंगल, सरना,जूड, कफून, बलम,पतलिया,डटवालगांव, सरना आदि गांवों के सरपंच, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और महिला मंगल दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।