उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की स्वार कॉलोनी में आवास के अंदर दरोगा नायाब खान का शव फंदे से लटका मिला। वह फर्रुखाबाद जिले के थाना कंपिल कस्बा के मूल निवासी थे। वर्तमान में उनका परिवार बरेली रहता है। वह लगभग दो साल से स्वार कोतवाली में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे।
पुलिस का कहना है कि वह एक केस के सिलसिले में कोर्ट गए थे वहां से आने के बाद वह कोतवाली परिसर में स्थित अपने रूम में चले गए। सब कुछ सामान्य था दोपहर के समय कोतवाली के सीयूजी नंबर पर उनके किसी परिजन की कॉल आई।
कॉलर ने कहा कि नायाब खान का नंबर स्विच ऑफ जा रहा है और उनसे बात करनी है। नायाब खान से बात करने के लिए एक पुलिसकर्मी उनके रूम पर गया तो कमरा अंदर से बंद था और आवाज देने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांक कर देखा तो उनका शव पंखे से बंधे फंदे पर लटका हुआ था
सूचना मिलने पर एसपी विद्या सागर मिश्र और एएसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों के आने के बाद उनका शव फंदे से उतारा गया।
सीओ अतुल कुमार पांडेय का कहना है कि नायाब खान के परिजनों ने मृत्यु का कारण जानने के लिए शिकायत दर्ज की है। पोस्टमार्टम से ही मौत की वजह साफ होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रामपुर कोतवाली परिसर में फंदा लगाकर जान देने वाले दरोगा नायाब खान के भाई अरबाज खान ने बताया कि मंगलवार को बरेली आए थे। उन्होंने अपने बच्चों को ईद के लिए कपड़े भी दिलवाए थे। सब कुछ सामान्य था।
सूचना मिलते ही बरेली में रहने वाले परिवार में मातम पसर गया था। पत्नी शिम्मी खान अपने बेटे मो. हसन रजा खान (10) और बेटी अलेना खान (7) के साथ कोतवाली पहुंची थीं, जहां शव देखकर तीनों बिलखने लगे। इन्हें बिलखता देख थाने में अन्य पुलिसकर्मियों की भी आंखें भर आईं। अन्य परिजन उन्हें दिलासा देते रहे।
सब इंस्पेक्टर नायाब खान लगभग 2 साल से स्वार कोतवाली में तैनात थे। मृतक के साडू ताज खान का कहना है की नायाब खान काफी गंभीर इंसान थे और रोजा नमाज भी करते थे। बुधवार को चौथे रोजे की सहरी खाकर रोजा रखा था।
इसके बाद वह ड्यूटी करने स्वार कोतवाली के लिए रवाना हुए थे। कुछ घंटे ही बीते थे कि उनकी मौत की सूचना आ गई।