Lok Sabha Election Result 2024 Analysis: लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना के नतीजे ने सभी को काफी चौंकाया है। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है लेकिन सरकार बनाने के बाद भाजपा को सहयोगी दलों का भी खास ध्यान रखना पड़ेगा।
NDA को 295 सीटें मिली हैं। कांग्रेस के INDIA अलायंस को 242 सीटें मिली हैं।
दोनों एलायंस के लिए इस समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सबसे अहम है। दोनों सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका निभा सकते हैं। दोनों चाहे तो देश में कांग्रेस इंडिया अलायंस की सरकार बन जाए और यह दोनों अगर चाहे तो बीजेपी एनडीए की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बन जाए लेकिन बीजेपी एनडीए सरकार की राह नीतीश और नायडू के साथ इतनी भी आसान नहीं होगी।
दोनों के साथ खराब रहे भाजपा के संबंध
राजनीतिक इतिहास के बारे में अगर बताया जाए तो टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के साथ भाजपा के संबंध काफी खराब रहे हैं। गठबंधन सरकार में सामाजिक क्षेत्र या आर्थिक क्षेत्र में किसी भी तरह के बड़े सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। 10 साल बाद भाजपा लोकसभा चुनाव में बहुमत से चूक गए क्योंकि सहयोगी दलों के साथ एनडीए गठबंधन सरकार बनाने की राह पर है लेकिन यह गठबंधन सहयोगियों TDP और जेडीयू पर ही निर्भर करेगा जो भविष्य में अहम फैसला और प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा से असहमत हो सकते हैं।
खासकर एक देश एक चुनाव, परिसीमन (Delimitation) और समान नागरिक संहिता (CAA) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर। नई सरकार से यह अपेक्षा की जा रही थी कि वह एक राष्ट्र एक चुनाव की टैगलाइन के तहत एक साथ चुनाव कराने की तैयारी करेगी, जो स्वयं नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, लेकिन नई सरकार में नए सहयोगियों के साथ इस प्रोजेक्ट को पूरा करना शायद संभव न हो, क्योंकि एक राष्ट्र एक चुनाव लागू करने को लेकर मतभेद हो सकते हैं।
जानें क्यों और कैसे बिगड़े संभले रिश्ते?
मीडिया के अनुसार 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर टीडीपी ने मोदी सरकार का हिस्सा होने के बावजूद भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था। इससे उनके रिश्ते खराब हो गए थे। नायडू ने मोदी को कट्टर आतंकवादी कह दिया था। 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद नायडू ने भाजपा के साथ अपने संबंधों को फिर से सही किया लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें एनडीए में शामिल नहीं किया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेई सरकार का हिस्सा थे। उन्होंने सबसे पहले 2014 में मोदी सरकार को प्रधानमंत्री पद पर उम्मीदवार घोषित करने पर आपत्ति जताई तो भाजपा ने JD(U) के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे। बाद में वे NDA में वापस आ गए, लेकिन 2022 में उन्होंने फिर से संबंध तोड़ लिए और RJD-कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य सरकार बना ली, लेकिन इस साल की शुरुआत में ही वे फिर से NDA में वापस आ गए।