जानिए LIC को क्यों बीमा के लिए अब देने होंगे ₹500000, यह पूरा मामला

LIC: कोरोना कल में लॉकडाउन के कारण कार्यालय बंद होने की वजह से प्रीमियम जमा करने में देरी के आधार पर नामांकित व्यक्ति को बीमा…

LIC: कोरोना कल में लॉकडाउन के कारण कार्यालय बंद होने की वजह से प्रीमियम जमा करने में देरी के आधार पर नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि नहीं देने पर जिला उपभोक्ता विवाद आयोग ने भारतीय जीवन बीमा निगम को निर्देश दिया है।

न केवल बीमा राशि देने का आदेश दिया बल्कि ₹5000 का जुर्माना भी लगाया गया है। आदेश की तिथि 30 दिन के अंदर पैसे का भुगतान नहीं करने पर 6% ब्याज की दर से राशि का भुगतान करना होगा।

ये है पूरा मामला

नई बस्ती निवासी श्वेता सिंह के पति प्रवीण सिंह ने 25 जून 2019 को 5 लाख रुपए की LIC पॉलिसी ली थी इसमें 26 जून 2044 तक 23818 रुपए का वार्षिक प्रीमियम जमा करना था। नॉमिनी में पत्नी का नाम श्वेता सिंह पड़ा हुआ था।

साल 2020 में कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया। एलआईसी की ओर से प्रीमियम जमा करने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय दिया गया था। प्रवीण को 25 जून 2020 को प्रीमियम जमा करना था लेकिन जुलाई 2020 तक सभी कार्यालय बंद थे।

जब कोरोना का प्रकोप कम हुआ तो 25 अगस्त 2020 को उन्होंने लेट फीस समेत कुल 24886 रुपए जमा कर दिए। कुछ कारणो से प्रवीण सिंह ने 6 नवंबर 2020 को आत्महत्या कर ली। श्वेता सिंह ने बीमा कंपनी के कार्यालय में आवश्यक कार्यवाही पूरी करने के बाद दावा प्रस्तुत किया।

एलआईसी ने 1 नवंबर 2021 को उनके दावे को खारिज कर दिया। श्वेता ने 24 जनवरी 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद आयोग में मुकदमा दायर किया। जांच में सही तथ्य पाए जाने के बाद, जिला उपभोक्ता विवाद (निवारण) आयोग ने एलआईसी को श्वेता को 5 लाख रुपये देने का आदेश दिया। LIC पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया