Kisan andolan- केंद्र ने दिया नया प्रस्ताव, किसान आज करेंगे विचार

उत्तरा न्यूज डेस्क पिछले 50 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली के बाॅर्डरों पर जमे किसानों को केंद्र सरकार ने Kisan andolan आंदोलन वापस लेने…

Kisan andolan


उत्तरा न्यूज डेस्क पिछले 50 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली के बाॅर्डरों पर जमे किसानों को केंद्र सरकार ने Kisan andolan
आंदोलन वापस लेने के लिए नया प्रस्ताव दिया है। इन प्रस्तावों पर किसान संगठन बृहस्पतिवार को बैठक कर निर्णय लेंगे, जिसके बाद शुक्रवार को सरकार के साथ किसान नेताओं की अगले दौर की बातचीत होगी। वहीं केंद्र ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ हस्तक्षेप करने के अनुरोध वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है।

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बुधवार को 10वें दौर की बातचीत हुई, जिसमें केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के सामने यह प्रस्ताव रखा कि नये कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक निलंबित रखा जाएगा और वह अपना
आंदोलन वापस ले लें। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसान आंदोलन Kisan andolan को संवेदनशीलता से देखने की जरूरत है और इसके समाधान के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। इस सिलसिले में उन्होंने कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल स्थगित रखने और इस बीच किसानों की मांगों पर विचार करने का प्रस्ताव दिया


दूसरी ओर किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति के सामने पेश होने से भी इन्कार कर दिया है। इस पर केंद्र सरकार ने किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच एक संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। करीब डेढ़ साल तक कृषि कानूनों के स्थगित रहते हुए यह संयुक्त समिति किसानों की समस्याएं सुनकर एक रिपोर्ट बनाएगी। बहरहाल दोनों पक्षों ने शुक्रवार को 11वें दौर की बातचीत के लिए सहमति दे दी है। कृषि मंत्री तोमर ने 22 जनवरी की बैठक में इस मामले का समाधान निकलने की उम्मीद जताई है।

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किसानों ने भी सरकार के नये प्रस्तावों को पूरी तरह खारिज नहीं किया है और कहा है कि वे आज बृहस्पतिवार को इन प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि Kisan andolan
आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा, क्योंकि कानून रद्द कराने की प्रमुख मांग पर अभी कुछ नहीं हुआ है। किसान नेता हन्नान मुल्ला का कहना है कि सरकार के प्रस्ताव देने का मतलब यह न समझा जाए कि किसान पीछे हट गए हैं। असली मांग कानून रद्द करने की है।


वहीं किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ हस्तक्षेप करने की मांग वाली याचिका सरकार ने वापस ले ली, जब बुधवार को न्यायालय ने कहा कि यह पुलिस से जुड़ा मामला है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने एक बयान में कहा है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के डर से केंद्र सरकार ने कृषि कानून स्थगित करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा अच्छा होता कि सरकार पहले ही यह बात समझ लेती कि किसान आसानी से हटने वाले नहीं हैं।(Kisan andolan)

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