किसान आंदोलन Kisan andolan के टविटर हैंडल को बंद कर दिया गया है। जिन एकाउंट में रोक लगाई गई है। उनमें किसान एकता मोर्चा के एकाउंट के साथ ही हंसराज मीणा, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर आदि के टविटर एकाउंट शामिल हैं। हालांकि शशि शेखर के अकाउंट को लेकर कहा जा रहा है कि शशि शेखर ने टविटर को शिकायत दर्ज कराई थी। और तकनीकी गलती के कारण उनका एकाउंट बंद किया गया है।
बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को लगभग 250 ट्वीट्स / ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिये कहा था।
इन ट्विटर अकाउंट्स पर आरोप है कि इन एकाउंट से किसान आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट और हैशटैग चलाए गये है। आरोप है कि इन एकाउंट से ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग चलाया जा रहा था और आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थी। बताया जा रहा है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय और कानून से जुड़ी एजेंसियों के निर्देश पर टविटर ने यह कार्यवाही की है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69-ए के तहत इन ट्विटर अकाउंट्स और ट्वीट्स को ब्लॉक करने का आदेश टविटर को दिया था।
अपुष्ट जानकारी के अनुसार प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर का एकाउंट गलती से ब्लॉक हो गया है। शशि शेखर ने ही इन हैश टैग का प्रयोग करते हुए अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी। बताया जा रहा है कि इन हैश टैग का यूज करने के कारण गलती से एकाउंट ब्लॉक हुआ है और जल्द ही इसे रिस्टोर कर दिया जायेगा।
प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर के अकाउंट बंद होने पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि इन आपत्तिजनक हैशटैग को लेकर प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने ट्विटर से इसकी शिकायत की थी और इस इन हैश टैग का जिक्र होने के कारण उनका अकाउंट ब्लाक कर दिया गया क्योंकि इस तरह के सोशल मीडिया प्लेटफार्म प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चलते हैं।
गौरतलब है कि पिछले 70 दिनों से अधिक समय से जारी Kisan andolan ने भारत में उथल पुथल मचाई हुई है। और किसान नेता अपनी बात रखने के लिये सोशल मीडिया के मंच का इस्तेमाल कर रहे है। किसान एकता मंच के जिस टविटर एकाउंट को बंद किया गया है उसके 4 लाख के आसपास फॉलोवर है।
किसान एकता मोर्चा के टविटर एकाउंट को बैन किये जाने की किसान एकता मोर्चा के आईटी सेल के हैड बलजीत सिंह ने निंदा की है। उन्होने नाराजगी जताते हुए कहा कि Kisan andolan के शुरू होने के बाद से सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने Kisan andolan को बदनाम करना शुरू कर दिया। और सोशल मीडिया में Kisan andolan की जानकारी देने के लिये आईटी सेल शुरू किया गया और शुरू में ही मोर्चा के फेसबुक पेज को अनपब्लिश कर दिया गया था बाद में काफी विरोध होने पर फेसबुक ने अपनी गलती मानते हुए फेसबुक पेज को पब्लिश कर दिया था।