shishu-mandir

किसान मेला: कास्तकारों को सिखाई ओक टसर रेशम कीटपालन की विधि

UTTRA NEWS DESK
2 Min Read

new-modern
gyan-vigyan

डेस्क। क्षेत्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान केंद्र भीमताल, नैनीताल द्वारा किसान मेला का आयोजन किया गया। जिसमें कपकोट विकासखण्ड में रेशम के लिए कार्य कर रही संस्था संजीवनी विकास एवं जन कल्याण समिति द्वारा भी कपकोट के तिमलबगड, फरशाली, गुलेर, मल्लादेश, खलजुनी, मिकिला, गांवों से 25 कास्तकारों को इस मेले में प्रतिभाग कराया गया।

saraswati-bal-vidya-niketan

भीमताल में आयोजित इस किसान मेले में कपकोट बागेश्वर के अलावा मुनस्यारी, मदकोट पिथौरागढ़, कोटाबाग नैनीताल, चकराता देहरादून के 100 से अधिक कास्तकारों ने भागीदारी की।

किसान मेला के दौरान वैज्ञानिकों ने बताया कि रेशम की फसल सबसे कम समय में तैयार होती है। यह फसल को तैयार होने में 45 से 50 दिन लगते है जिस को किसान बाज के पेड़ों पर टसर रेशम का उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकता है। इस कार्य को करने से लोगों के रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे व पहाड़ों से पलायन भी रुकेगा। मणीपुरी बांज के पेड़ लगने से रेशम उद्योग के साथ—साथ पर्यावरण संरक्षण भी होगा।

किसान मेले में सोमेश पालीवाल, वैज्ञानिक डॉ. एसएस वर्मा, डॉ.अरविंद ललोरिया समेत संजीवनी संस्था से संतोष कुमार जोशी, विनोद सिंह घुघतियाल, दीवान कपकोटी, कास्तकार कैलाश सिंह मर्तोलिया, नारायण सिंह, धन सिंह, हितेंद्र सिंह, केदार सिंह, शेर सिंह, प्रेम सिंह, दलजीत सिंह मर्तोलिया, धाम सिंह, भीम सिंह, हीरा सिंह, भूपाल सिंह, रूप सिंह, सुप सिंह, गोविंद सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।