खटीमा महाविद्यालय (Khatima College)को कुविवि का परिसर बनाए जाने की मांग ने पकड़ा जोर

Khatima College

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Demand for making Khatima College a campus of Ku

Khatima College

खटीमा(यूएस ऩगर), 02 अगस्त 2020- कुमाऊँ विश्वविद्यालय से सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के पृथक हो जाने के बाद खटीमा क्षेत्र (Khatima College)में कुमाऊँ विश्वविद्यालय का परिसर बनाये जाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है.

Khatima College

मांग करने वालों का कहना है कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में गोलीकांड झेलने के बाद राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला खटीमा राजनैतिक दलों द्वारा हासिये पर डाल दिया गया.

लोगों का कहना है कि सैनिक ,जनजाति बाहुल्य खटीमा सीमांत क्षेत्र रहा है जिसकी सीमाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेपाल देश से भी जुड़ती है. तथा खटीमा उत्तर प्रदेश की सीमाओं से भी बहुतायत मात्रा में विद्यार्थी खटीमा महाविद्यालय(Khatima College) में अध्ययन करने आता है.खटीमा क्षेत्र के लोगों ने शिक्षा ,स्वास्थ्य व रोजगार की असीम संभावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड राज्य निर्माण में भाग लिया व कई लोग शहीद हो गए परन्तु उत्तराखंड बन जाने के लगभग दो दशकों के बाद भी आज भी खटीमा वासी अपनी आशाओं की बाट जोह रहे है.

अब आगरा विश्वविद्यालय से पृथक होकर 1973 में अस्तित्व में आये कुमाऊँ विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 100 से अधिक महाविद्यालयों के एक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध न किये जाने के नियम के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पृथक होकर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया जिसके सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में अल्मोड़ा ,राजकीय महाविद्यालय पिथौरागढ़ व राजकीय महाविद्यालय बागेश्वर को परिसर बनाये जाने के साथ ही अल्मोड़ा,बागेश्वर,पिथौरागढ़ व चंपावत जनपदों को सम्बद्ध व कुमाऊँ विश्वविद्यालय में नैनीताल व उधमसिंहनगर जनपद के राजकीय महाविद्यालय सम्बद्ध किये जाने का निर्णय लिया गया है.

कुमाऊँ विश्वविद्यालय का दो परिसर ड़ी एस बी परिसर व भीमताल परिसर दोनों एक ही जनपद नैनीताल में स्थित है.
ऐसे में अब ऊधम सिंह नगर जनपद बचता है.जहां अभी कुमाऊँ विश्वविधालय का कोई भी परिसर नही है.उधम सिंह नगर के खटीमा महाविद्यालय, रुद्रपुर व काशीपुर में से एक महाविद्यालय में बनाया जाना उसमें से भी खटीमा महाविद्यालय का अपना दावा मजबूत दिखाई देता है. 1973 में स्थापित खटीमा महाविद्यालय(Khatima College) में आज लगभग 8000 से ऊपर छात्र संख्या है.उत्तराखंड राज्य निर्माण में विशेष रूप खटीमा के लोगों ने अपनी भूमिका निभाई जिसके फलस्वरूप खटीमा में गोलीकांड भी हुआ. सात लोग शहीद हुए और हजारों लोग इस गोलीकांड में घायल हुए थे.

खटीमा के लोगों ने Khatima College में अच्छी शिक्षा, विकास ,स्वास्थ्य व रोजगार जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर लाखों लोगों ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया था।अभी तक शिक्षा ,रोजगार की बात की जाए तो खटीमा के लोगों के हाथ कुछ विशेष नही लगा परन्तु अब कुमाऊँ विश्वविद्यालय के परिसर बनने की आस से एक बार उत्तराखंड राज्य प्राप्ति के बाद इन मुद्दों से निराश आम जन व छात्र खटीमा में उच्च शिक्षा का हब बनने का सपना देखने लगे है.


जिससे खटीमा उच्च शिक्षा का केंद्र बने अनेक प्रकार के व्यावसायिक व तकनीकी सभी पाठ्यक्रम छात्रों को सरकारी शुल्क में मिल सके,छात्र-छात्राओं की अनेक प्रकार की समस्याओं का समाधान हो सके।खटीमा महाविद्यालय Khatima College को परिसर के रूप में स्थापित कर खटीमा क्षेत्र के लोगों को वह सम्मान प्राप्त हो सके जिसका वास्तव में वह हकदार है.

खटीमा महाविद्यालय (Khatima College)को परिसर बनाये जाने की मांग अब छात्र-छात्राओं व वुद्धिजीवी वर्ग के साथ ही खटीमा क्षेत्र की जनता जोरदार तरीके से उठाकर इस मांग को लेकर मुखर होने लगी है.छात्र-संघ के वर्तमान व पूर्व छात्र-संघ पदादिकारी इस मांग को लेकर सहमत है।सभी का मानना है कि राज्य सरकार को खटीमा महाविद्यालय Khatima College को परिसर बनाकर खटीमा क्षेत्र को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह सौगात देनी चाहिए.
सभी राजनैतिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी इस बात से एक राय रखते है कि खटीमा में ही कुमाऊँ विश्वविद्यालय का परिसर बनाया जाना चाहिए. खटीमा क्षेत्र (Khatima College)में उत्तराखंड सरकार व संगठन से जुड़े अनेको बहुत बड़े कद्दावर नेताओं की जन्मस्थली व कर्मस्थली भी है जो उत्तराखंड सरकार व संगठन में अपना माद्दा रखते है. पिछले दिनों खटीमा महाविद्यालय को परिसर बनाये जाने की मांग को लेकर नानकमत्ता विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा ने मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर चुके है ,खटीमा विधायक पुष्कर धामी ,विद्यार्थी परिषद ,एनएसयूआई से जुड़े लोग भी शिक्षा मंत्री से मांग को लेकर मिल चुके है.

वैसे खटीमा क्षेत्र में इन दिनों गांव-मोहल्लों व दुकानों पर इस बात की चर्चा आम हो गयी है।व खटीमा की जनता एक बार फिर से इस मांग को लेकर मुखर होने लगी है.

बहरलाल देखना यह है कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार से उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए अपना लोहा मनवाने वाली खटीमा की जनता क्या उत्तराखंड सरकार से अपनी मांग पुरी करवा पाएगी ?

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