मंत्रियों के निजी स्टाफ की संख्या सीमित हो: हाईकोर्ट

अल्मोड़ा। मंत्रियों को अपने निजी स्टाफ की संख्या सीमित रखनी चाहिए यह कहना है, केरल हाईकोर्ट का। हाईकोर्ट ने एंटी-करप्शन पीपल्स मूवमेंट नामक संगठन की…

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अल्मोड़ा। मंत्रियों को अपने निजी स्टाफ की संख्या सीमित रखनी चाहिए यह कहना है, केरल हाईकोर्ट का। हाईकोर्ट ने एंटी-करप्शन पीपल्स मूवमेंट नामक संगठन की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी। याचिका में मांग की गई थी कि मंत्रियों के निजी स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक मानक तय होना चाहिए। इस स्टाफ को दी जा रही पेंशन भी असांविधानिक करार देकर रद्द कर देनी चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने याचिका खारिज कर दी। वजह दी कि निजी स्टाफ की नियुक्ति राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है, परन्तु यह भी कहा कि ऐसी नियुक्तियों में नियंत्रण होना चाहिए।

हाईकोर्ट ने कहा कि बिना किसी तय संख्या के निजी स्टाफ के रूप में लोगों को नियुक्त करना अनुचित है। फिर चाहे यह नियुक्ति मुख्यमंत्री के लिए हो या मुख्य सचेतक अथवा नेता प्रतिपक्ष के लिए हो। पिछले महीने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी कहा था कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट कैबिनेट के मंत्रियों के निजी स्टाफ को उम्र भर के लिए पेंशन दी जा रही है। केवल 2 साल की नियुक्ति में स्टाफ को उम्र भर के लिए पेंशन दिया जाना सरकारी धन‌ का दुर्पयोग है।