ट्रेन में हादसे की संभावना को रोकेगा कवच, रेल प्रशिक्षण के दौरान ट्रेन के इंजन में सवार थे केंद्रीय रेल मंत्री, देखिए वीडियो

आज भारतीय रेल (Indian Railways) एक नया इतिहास रच दिया। आज सिकंदराबाद में कुछ ऐसा हूआ जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। आज दो…

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आज भारतीय रेल (Indian Railways) एक नया इतिहास रच दिया। आज सिकंदराबाद में कुछ ऐसा हूआ जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। आज दो train पूरी रफ्तार से उल्टी दिशा से एक दूसरे की और बढ़ी और इनमें से एक train में खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) बैठें थे।


जी हां केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) एक ट्रेन के इंजन में सवार थे। Train पटरी पर दौड़ रही थी तभी सामने से दूसरी train आ गई। भारतीय रेलवे (Indian Railways) के कवच ने मंत्री और train में सवार दूसरे लोगों की जान बचा ली। यह घटना शुक्रवार को सिकंदराबाद में घटी। दरअसल, मंत्री भारतीय रेलवे के नए सुरक्षा system कवच के परीक्षण के लिए पहुंचे थे। मंत्री परीक्षण के दौरान खुद ट्रेन के इंजन में सवार हुए। इस दौरान सामने से आ रही ट्रेन और दूसरी अन्य स्थितियों को ध्यान में रखकर कवच system का परीक्षण किया गया।

Rear-end collision testing is successful.
Kavach automatically stopped the Loco before 380m of other Loco at the front.#BharatKaKavach pic.twitter.com/GNL7DJZL9F— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022


कवच ने अच्छी तरह काम किया। परीक्षण के दौरान दो ट्रेनों को आमने-सामने चलाया गया। एक ट्रेन में अश्विनी वैष्णव सवार थे। दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। जिस ट्रेन में रेल मंत्री सवार थे वह सामने से आ रही ट्रेन से 380 मीटर पहले रुक गई। इसी तरह दूसरी ट्रेन भी समय रहते रुक गई। रेल मंत्री ने परीक्षण के कई video twitter पर पोस्ट किए हैं।


ट्रेन हादसे रोकेगा कवच
कवच एक एंटी कोलिजन device network है जो कि radio communication, micropressure और ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है। इसे ट्रेन हादसे रोकने के लिए बनाया गया है। हादसे की संभावना होने पर यह सिस्टम खुद ब खुद ब्रेक लगा देता है। Over speed होने पर भी यह system break लगा देगी। फाटकों के पास ट्रेन के पहुंचने पर अपनेआप horn बजेगा। Red signal या फिर किसी अन्य खराबी जैसी कोई manual गलती दिखाई देती है तो train रुक जाएगी। रेलवे का दावा है कि कवच दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली है। इस लगाने पर 50 लाख रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपए है।


कवच प्रणाली में हाई फ्रिक्वेंसी के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है। यह एसआईएल-4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को कवच के तहत लाने की योजना है। दक्षिण मध्य रेलवे की जारी परियोजनाओं में अब तक कवच को 1098 किलोमीटर मार्ग पर लगाया गया है। कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 3000 किलोमीटर है।