कर्नाटकखोला की रामलीला(Karnatakakhola Ramleela):: सीता हरण व सूपर्णखा नासिका छेदन प्रसंगों ने लूटी वाहवाही

Karnatakakhola Ramleela: Sita abduction and Suparnakha nose piercing incidents won applause अल्मोड़ा, 21 अक्टूबर – श्री भुवनेश्वर महादेव मन्दिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा(Karnatakakhola…

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Karnatakakhola Ramleela: Sita abduction and Suparnakha nose piercing incidents won applause

अल्मोड़ा, 21 अक्टूबर – श्री भुवनेश्वर महादेव मन्दिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा(Karnatakakhola Ramleela) की षष्टम दिवस की रामलीला में पंचवटी प्रसंग,सूपर्णखा नासिका छेदन,खर-दूषण,त्रिसरा प्रसंग/वध,रावण-मारीच संवाद,सीता हरण,जटायु प्रसंग अभिनय का मंचन किया गया ।

Karnatakakhola Ramleela
कर्नाटकखोला की रामलीला(Karnatakakhola Ramleela):: सीता हरण व सूपर्णखा नासिका छेदन प्रसंगों ने लूटी वाहवाही


छटे दिन रामलीला मंचन में सूपर्णखा नासिका छेदन,खर-दूषण,त्रिसरा प्रसंग,साधु मारीच-रावण संवाद मुख्य आकर्षण रहे ।


दर्शकों ने कलाकारों के सुन्दर गायन,अभिनय की भूरि-भूरि सराहना करते हुये रामलीला का आनन्द लिया ।


राम की पात्र रश्मि काण्डपाल,लक्ष्मण-दीक्षा कनार्टक ,सीता-कोमल जोशी, रावण-पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक,साधु मारीच-मनीष जोशी,खर-डा.करन कर्नाटक,दूषण-अखिलेश सिंह थापा,जोगी रावण-बिट्टू कर्नाटक,त्रिसरा- अभिषेक नेगी,सूर्पणखा-ममता भट्ट ,पूजा बिष्ट, मानसी बोरा आदि ने जीवन्त अभिनय किया ।

रावण-मारीच तथा खर-दूषण के संवाद ने सभी का मन मोह लिया। अतिथियों तथा दर्शकों ने कलाकारों के अति सुन्दर गायन व अभिनय के लिये उनके उत्साहबर्धन हेतु खूब तालियां बजायी।


शुक्रवार की रात्रि (Karnatakakhola Ramleela)रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा तथा सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र सिंह बिष्ट द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया ।
मुख्य अतिथि श्री टम्टा ने अपने वक्तव्य में कहा कि भुवनेश्वर महादेव मन्दिर एवं रामलीला समिति (Karnatakakhola Ramleela)केवल रामलीलाओं तक ही सीमित नही है अपितु उन्होंने मंच के माध्यम से रामलीलाओं की ही तर्ज पर अनेक नाटिकायें प्रस्तुत की है जिसका जीता जागता उदाहरण लगातार विगत तीन वर्षों से आयोजित की जा रही महिला रामलीला मंचन है । जिसने महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने का प्रयास किया।

जिसने रामलीला समिति के अतुलनीय प्रयास को दर्शाने के साथ -साथ देश -विदेश में अपनी पहचान एवं ख्याति अर्जित की । जिसके लिये समिति के संरक्षक बिट्टू कर्नाटक एवं समस्त पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं ।


इस अवसर पर देवेन्द्र कर्नाटक, हेम जोशी ,गौरव काण्डपाल ,कमलेश कर्नाटक ,दीपक कर्नाटक, अनिल रावत, देवेन्द्र जनौटी, लीलाधर शर्मा ,दयाकृष्ण जोशी ,भूपेंद्र सिंह, एस.एस.कपकोटी, त्रिभुवन अधिकारी, हंसा दत्त कर्नाटक, बृजेश पाण्डे ,भुवन चन्द्र पाण्डे, रमेश चंद्र जोशी ,नारायण दत्त तिवारी, दिनेश मठपाल, भुवन चन्द्र कर्नाटक, जगदीश चन्द्र तिवारी ,अशोक बनकोटी ,अशरद,कमल जोशी, अनूप ,देवेन्द्र भट्ट, रवि रौतेला ,नवीन चन्द्र जोशी, सीमा कर्नाटक ,बन्दना जोशी, आशा मेहता, हिमांशी अधिकारी ,सुनीता पालीवाल, रेखा जोशी ,रेखा अल्मिया ,सुनीता बगडवाल ,रजनीश कर्नाटक, प्रकाश मेहता आदि सहित सैकड़ों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन गीतांजलि पाण्डे द्वारा किया गया।