कैलाश शर्मा : जिला पंचायत सदस्य से विधायक तक का सफर, 15 साल बाद संगठन ने दोबारा बनाया प्रत्याशी

भारतीय जनता पार्टी ने अल्मोड़ा विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक कैलाश शर्मा पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। सिटिंग विधायक रघुनाथ सिंह चौहान…

kailash sharma

भारतीय जनता पार्टी ने अल्मोड़ा विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक कैलाश शर्मा पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। सिटिंग विधायक रघुनाथ सिंह चौहान का टिकट काटकर भाजपा ने उन्हे टिकट दिया है।
कैलाश शर्मा के पिता स्व० गोवर्धन शर्मा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। कैलाश शर्मा का जन्म 1 सितंबर 1967 को अल्मोड़ा जिले के ​हवालबाग विकासखण्ड के ढैली गांव में हुआ।


कैलाश शर्मा ग्रेजुएट और उन्होंने मार्केटिंग मैनेजमेंट का डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। बाल्यकाल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे। संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष प्रशिक्षित कैलाश को 1987 में युवा मोर्चा हवालबाग के मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। वही वह 1989 में युवा मोर्चा के अल्मोड़ा नगर अध्यक्ष बने। उन्होंने
राम जन्म भूमि आन्दोलन में सक्रिय भागीदारी की और धारा 370 के खिलाफ डॉ मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा में भी सक्रिय रहे और अल्मोड़ा जिले की पूरक यात्रा का सह संयोजक उन्हे बनाया गया था।


कैलाश शर्मा 1991 से 1995 तक अल्मोड़ा जिले में युवा मोर्चा के जिला महामंत्री रहे। राज्य आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी की। इसके अलावा 1995 से 2000 तक युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे। 1996 में वह तल्ला तिखून सीट से जिला पंचायत सदस्य बने। और भाजपा की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। 2001 मेंभारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तरांचल के जिला उपाध्यक्ष का दायित्व मिला।

राज्य गठन के बाद पहली विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने कैलाश शर्मा को टिकट दिया था और इन्होने कांग्रेस के मनोज तिवारी को हराकर जीत दर्ज की थी। 2003 में कैलाश शर्मा भारत परिसीमन आयोग के सदस्य मनोनीत हुए। 2002 से 2005 तक गोविन्द बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के मुख्य सोसायटी के उत्तराखण्ड विधानसभा से सदस्य मनोनीत रहे। वही 2005 में विधानसभा उत्तरांचल की लोकलेखा समिति के अध्यक्ष बने।


कैलाश शर्मा 2007 2017 तक भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य चुने गये।
2017 में भाजपा ने नैनीताल और भीमताल विधानसभा चुनाव के लिए इन्हे प्रभारी का दायित्व दिया। 2019 लोकसभा लोकसभा चुनाव में प्रभारी रहे। 2019 में दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट पर लोकसभा प्रभारी प्रवासी के तौर पर कार्य किया। वर्तमान में इन्हें जनपद पिथौरागढ़ का प्रभारी बनाया गया है। और वह प्रदेश उपाध्यक्ष के तौर पर भी कार्य कर रहे हैं।


कैलाश शर्मा के राजनीतिक सफर को देखें तो वह 2002 में विधायक रहे। 2007 में भी भाजपा ने उन्हे अपना प्रत्याशी बनाया लेकिन वह कांग्रेस के मनोज तिवारी से पराजित हो गए। इसके बाद 2012 में भाजपा ने रघुनाथ सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया तो इन्होंने भाजपा छोड़कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और सम्मानजनक वोट प्राप्त किए। बाद में 2012 चुनाव से पहले वह भाजपा में वापस आ गए और टिकट के​ लिए दावेदारी की लेकिन उन्हे टिकट नही मिला।

इस सीट पर भाजपा ने रघुनाथ सिंह चौहान को टिकट दिया और वह विजयी भी रहे और 2017 में भाजपा की सरकार बनी तो वह विधानसभा उपाध्यक्ष बनाए गए। इस बीच भाजपा ने कैलाश शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी और वह संगठन के कामों में लगे रहे और अब भाजपा ने फिर से कैलाश शर्मा को टिकट दिया हैं।