मदन बिष्ट- डीयू की राजनीति से पहाड़ की राजनीति का सफर

द्वाराहाट। सर्द होते तापमान के बीच उत्तराखंड में राजनीतिक तापमान चरम पर हैं। अल्मोड़ा की द्वाराहाट विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक मदन सिंह…

Journey from DU politics to mountain politics

द्वाराहाट। सर्द होते तापमान के बीच उत्तराखंड में राजनीतिक तापमान चरम पर हैं। अल्मोड़ा की द्वाराहाट विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट को टिकट दिया हैं।

अल्मोड़ा जनपद के तहसील – द्वाराहाट के ग्राम कनलगॉव, बग्वालीपोखर के रहने वाले मदन सिंह बिष्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय से B.Com और LLB स्नातक (दिल्ली विश्वविद्यालय) की परीक्षा उत्तीर्ण की।


मदन बिष्ट वर्ष 1981-82 में डी.ए.वी. कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहे। और यही से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूवात हुई। सन् 1885-86 में वह दिल्ली विवि में छात्र संघ उपाध्यक्ष रहे। इसके बाद 1886-87 में दिल्ली विवि के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए। 1990-93 में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव चुने गए। मदन सिंह बिष्ट 2002 से 2006 तक उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी रहे। एनडी तिवारी सरकार में वह बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम के चैयरमेन (दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार) रहे।

मदन सिंह बिष्ट ने 2007 कांग्रेस से टिकट के लिये दावेदारी की थी लेकिन कांग्रेस ने महेश नेगी को​ टिकट दिया तो मदन सिंह बिष्ट ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। लेकिन वह चुनाव नही जीत सके। 2012 में कांगेस ने उन्हे द्वाराहाट से टिकट दिया और वह पहली बार इस सीट से विधायक बने। उन्हें कांग्रेस सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया गया। 2018 में वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य चुने गए। और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी चुने गए।


मदन सिंह बिष्ट ने वर्ष 2016 में कांग्रेस की सरकार के संकट के समय खुलकर सीएम हरीश रावत का साथ दिया। और इसके बाद कई बार वह संकटमोचक बनकर उभरे। 2019 ​के पंचायत चुनावों में भाजपा सरकार होने के बावजूद उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव अपनी पत्नी उमा बिष्ट की झोली में डालकर अपने रणनीतिक कौशल को दिखाया। कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार मदन सिंह बिष्ट को टिकट दिया है और देखना है कि अब वह इस बार क्या कमाल दिखा पाते हैं।