पिथौरागढ़- जनज्वार न्यूज पोर्टल से जुड़े पत्रकार पुलिस की हिरासत में, जनज्वार पर 15 दिन के भर के भीतर है यह दूसरा मुकदमा

पिथौरागढ़ पुलिस ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में जनज्वार न्यूज पोर्टल से जुड़े पत्रकार किशोर कुमार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में जनज्वार…

Journalists associated with Janjwar news portal in police custody

पिथौरागढ़ पुलिस ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में जनज्वार न्यूज पोर्टल से जुड़े पत्रकार किशोर कुमार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में जनज्वार ने किशोर कुमार को गलत तरीके से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है।


पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर द जन ज्वार न्यूज पोर्टल को चलाने वाले किशोर राम पुत्र गोविन्द राम निवासी झूलाघाट जनपद पिथौरागढ द्वारा वीडियो पोस्ट किये गए थे, जिसमें लोगों की बाइट लेते हुए बार -बार लोगों की जाति पूछने और सवर्णो द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या करने की बात कही जा रही है।

पुलिस के अनुसार किशोर राम द्वारा अपने जन ज्वार के माध्यम से फेसबुक , यूट्यूब पर वीडियो प्रसारित करके दो जाति विशेष के समुदायो के मध्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने तथा जातीय वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया गया। पुलिस ने इस मामले में किशोर राम उपरोक्त के खिलाफ 22 फरवरी को धारा 153—ए के तहत मामला दर्ज किया और आज उसे गिरफ्तार ​कर लिया। पुलिस के अनुसार अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।


वही जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश मिश्रा ने इस पूरी पुलिस कार्रवाही पर सवाल खड़े किए हैै। उन्होने आरोप लगाया कि Pithoragarh Police को थाने में फोन करने पर पुलिस ने यह नहीं बताया कि किशोर को किस जुर्म के तहत हिरासत में लिया गया है।

अजय ने बताया कि जब उनकी पिथौरागढ़ के एसपी से बात हुई तो एसपी ने बताया कि किशोर ने सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश की है। अजय का आरोप है कि किशोर को यह भी नहीं बताया गया है कि उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया है और मामला क्या है।अजय के अनुसार पिथौरागढ़ पुलिस जिस वीडियो पर मुकदमा दर्ज कर किशोर को जेल भेज रही है उस वीडियो में एक व्यक्ति अपनी नाबालिग बेटियो के साथ कुछ लोगो द्वारा गलत काम करने का आरोप लगा रहा है, जिससे कही से भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का जैसा मामला प्रतीत होता नही दिख रहा है।


बताते चले कि जनज्वार पर हाल ही में उत्तराखण्ड में यह दूसरा मुकदमा दर्ज हुआ है। इससे पहले ​जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश और उनके एक साथी को तब खटीमा जाने से रोक दिया गया था। और जनज्वार ने इसे लाइव वीडियो में दिखाया भी था। बाद में पुलिस ने अजय प्रकाश और उनके एक साथी पर मुकदमा दर्ज ​किया था।