जिलाधिकारी की पत्नी ने खोली स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल

नैनीताल। जिलाधिकारी की पत्नी ने नैनीताल जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक कड़वा सच उजागर किया है। हुआ यह कि डीएम सविन बंसल की…

jiladhikari ki patni ne kholi swasthya suvidhayo ki pol

नैनीताल। जिलाधिकारी की पत्नी ने नैनीताल जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक कड़वा सच उजागर किया है। हुआ यह कि डीएम सविन बंसल की पत्नी सुरभि बंसल शुक्रवार को यंहा एक आम नागरिक की तरह अपने छोटे बालक को लेकर चिकित्सालय गई। और वहा उन्होने बिना अपनी पहचान बताये बगैर बच्चें को दिखाना चाहा तो डॉक्टर अपने चैंबर में नी थे। जिलाधिकारी की पत्नी वही चेंबर में डाक्टर का इंतजार करने लगी। और जब डाक्टर वहां आये और उन्हे वहा देखकर बिफर गये। जिलाधिकारी की पत्नी के बहाने से अस्पतालों की स्थिति लोगों के सामने आई है। भगवान कहे जाने वाले डाक्टर का यह व्यवहार चर्चाओं में बना हुआ है। जिलाधिकारी की पत्नी अपनी पहचान बताये बगैर अपने 8-10 माह के बच्चे को दिखाने जिला मुख्यालय स्थित बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंची। वहां कक्ष से गायब चिकित्सक ने डीएम की पत्नी को डपट ही दिया कि जब कक्ष में चिकित्सक नहीं थे, तो वे कक्ष में भीतर कैसे आ गयीं।

पूरा वाकया सुनिये हुआ यह कि जिलाधिकरी सविन बंसल के पुत्र सनव का स्वास्थ्य ठीक नही था। और उनकी पत्नी बाल रोग चिकित्सक को दिखाने के लिए बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ केवल एक सुरक्षा कर्मी था और वह बिना वर्दी के था। जनपद में नये आये होने की वजह से भी उन्हें चिकित्सालय में कोई नहीं जानता था। जिलाधिकारी की पत्नी ने आम नागरिकों की तरह जिला पुरुष चिकित्सालय में लाइन में रहकर पर्ची कटाई। और बच्चें को दिखाने के लिये बाल रोग विशेषज्ञ के चेंबर में गई। वहा बाल रोग विशेषज्ञ अपने कक्ष में नहीं थे। वहां से पूछे जाने पर बताया गया कि ऊपर मुख्य भवन में पर्ची काउंटर के सामने ही बाल रोग विशेषज्ञ डा. एमएस रावत देखेंगे। यानी पर्ची काउंटर से सही जानकारी नहीं मिली। यहां डा. रावत को दिखाने के बाद उन्हें बच्चे को एलर्जी की शिकायत चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी गयी। पर्ची काउंटर के बगल के कक्ष के बाहर चर्म रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा हुआ था। लेकिन डाक्टर वहां मौजूद नही थे। उन्हे बताया गया कि चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अजय नैथानी नये वाले खंड में बैठते हैं। बच्चे को लेकर वे वहां गईं तो वहां भी चिकित्सक अपने कक्ष में नहीं थे। इसी बीच बाल रोग विशेषज्ञ को उनके वीआईपी होने का अंदाजा हो गया। और पता चलने पर वह खुद डा. नैथानी को कहीं से ढूंढकर उनकी सीट पर बुला लाये। लेकिन डाक्टर ने जिलाधिकारी की पत्नी को डपट कर बोला कि जब डाक्टर रूम में कोई नही था तो वह कक्ष के भीतर क्यों गई। इस पूरे प्रकरण की चर्चा पूरे राज्य में सोशल मीडिया में तैर रही है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस तरह के औंचक निरीक्षक और करवाने की बात कही है। इससे पता चलताहै कि चिकित्सालय में डाक्टर मरीजों के साथ किस तरह से पेश आते है। डीएम सविन बंसल ने कहा कि जिला चिकित्सालय का इसी तरह औचक निरीक्षण करवाएंगे। इससे पता चलता है कि चिकित्सालय की व्यवस्थाएं व चिकित्सकों का आम मरीजों के प्रति कैसा व्यवहार है।