बागेश्वर में जिला पंचायत (Jila Panchayat )में नियुक्तियों को लेकर शुरू हुवा बवाल, अपने रिश्तेदारों को गुपचुप तरीके से नियुक्ति देने के आरोप

बागेश्वर। जिला पंचायत (Jila Panchayat )बागेश्वर में आउटसोर्स के माध्यम से तीन लोगों को नियुक्ति दिये जाने का मामला गरमाता जा रहा है। कांग्रेस ने…

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बागेश्वर। जिला पंचायत (Jila Panchayat )बागेश्वर में आउटसोर्स के माध्यम से तीन लोगों को नियुक्ति दिये जाने का मामला गरमाता जा रहा है। कांग्रेस ने जिला पंचायत (Jila Panchayat ) अध्यक्ष पर अपने रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है वही जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने इसे निराधार बताते हुए कहा है कि वह किसी भी जांच का सामना करने का तैयार है।

ज्ञातव्य है कि किच्छा, उधम सिंह नगर की आउटसोर्सिंग कंपनी पर्यावरण जनकल्याण समिति के माध्यम से पिछले माह 27 फरवरी 2020 को 3 कर्मचारियों की जिला पंचायत (Jila Panchayat ) बागेश्वर में नियुक्ति की गई।

काँग्रेस नेताओं और सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगाए आरोप

इन 3 कर्मचारियों की नियुक्तियों को लेकर काँग्रेस पार्टी और और काँग्रेस से जुड़े जिला पंचायत (Jila Panchayat ) सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बसंती देव के खिलाफ मोर्चा खोलते दिया है। कांग्रेसी नेताओं ने इन नियुक्तियों को पूर्ण रूप से अवैध ठहराते हुवे इन्हें रद्द करने और मामले की जांच करने की मांग की है।ऐसा नहीं होने की दशा में न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी दी है। आरोप है कि जिन तीन लोगों को नियुक्ति दी गयी है, उनमें एक, जिला पंचायत अध्यक्ष का देवर, एक भतीजा और एक भांजा है।

पर्यटक आवास गृह बागेश्वर में मंगलवार 17 मार्च को आयोजित एक प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, काँग्रेस नेता राजेन्द्र सिंह टंगड़िया, जिला पंचायत सदस्य शामा हरीश ऐठानी, जिला पंचायत सदस्य आरे सुरेन्द्र सिंह खेतवाल और काँग्रेस नगर अध्यक्ष धीरज कोरंगा आदि ने जिला पंचायत (Jila Panchayat ) अध्यक्ष बसंती देव पर नियम क़ानूनों को ताक में रखकर जिला पंचायत बागेश्वर में अपने तीन रिश्तेदारों की आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्तियाँ करने का आरोप लगाया।

नियुक्तियों को रद्द करने और मामले की जांच करने की मांग, ऐसा नहीं होने की दशा में न्यायालय जाने की दी चेतावनी

आरोप लगाया कि उक्त नियुक्तियों से संबंधी कोई भी प्रस्ताव, जिला पंचायत (Jila Panchayat ) के सदन में पारित नहीं किया गया है और ना ही इन नियुक्तियों में स्टाफिंग पैटर्न को माना गया है। तीनों ही नियुक्तियों को अवैध बताते हुए इसकी जांच की मांग भी कांग्रेस नेताओं ने की। कहा कि ​यदि ऐसा नही हुआ तो वो इस मामले को न्यायालय में ले जाएँगे। उनका कहना था कि 30 जनवरी 2020 को कर्मचारियों की नियुक्ति का पत्र पंचायती राज विभाग उत्तराखण्ड को जाता है और 27 फरवरी 2020 को नियुक्तियाँ मिल जाती हैं आरोप लगाते हुए कहा कि सुनियोजित तरीके से ये नियुक्तियाँ अंदरखाने की गयी हैं। उन्होने ये भी कहा कि तीनों कर्मचारी, जिला पंचायत अध्यक्ष के रिश्तेदार हैं, इस बात का वो शपथ पत्र भी दे सकते हैं। उन्होने साफ कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए और यदि ऐसा नहीं होता है तो वो न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने आरोपों को बताया बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित

हालांकि जिला पंचायत (Jila Panchayat ) अध्यक्ष बसंती देव का कहना है कि सभी आरोप बेबुनियाद है और तीनों कर्मचारियों की नियुक्ति नियमानुसार ही की गयी है और इसमें आउटसोर्स के सभी नियम- क़ानूनों का पूरी तरह से पालन किया गया है।

लगाए जा रहे आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया लेने पर उनका कहना था कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद और पूरी तरह राजनीति से प्रेरित हैं और वो इस मामले में किसी भी प्रकार की जांच का स्वागत करती है। उन्होने कहा कि वो विपक्षियों के ऐसे राजनैतिक हथकंडों से विचलित होने वाली नहीं हैं और उनके स्तर से कोई नियुक्ति नहीं की गयी है। जिला पंचायत के रिक्त पदों पर जो भी नियुक्ति हुवी है। वो पंचायतीराज विभाग देहरादून द्वारा नियमों के तहत ही की गयी है।

उनका कहना है कि इन तीनों कर्मचारियों में कोई भी उनका परिजन आदि नहीं है, ये बेबुनियाद आरोप है। अध्यक्ष बसंती देव का कहना है कि उनको हतोत्साहित करने के लिए सुनियोजित तरीके से ये सब वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन वो पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं और ऐसे राजनैतिक हथकंडों से घबराने वाली नहीं हैं। उन्होने कहा कि विपक्ष चाहे तो किसी भी तरह की जांच करा ले,वो तैयार हैं।

गौरतलब है कि विगत 27 फरवरी 2020 को जिला पंचायत (Jila Panchayat ) बागेश्वर में तीन रिक्त पदों में तीन कर्मचारियों की आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से नियुक्ति की गयी। जिसमें कनिष्ठ अभियंता पद में जगथाना उडियार, कपकोट के हरीश सिंह, कनिष्ठ सहायक पद में दोबाड़ कर्मी, कपकोट के चतुर सिंह देव और कनिष्ठ सहायक पद पर ही कुँवारी कपकोट के श्याम सिंह को नियुक्ति प्रदान की गयी है। काँग्रेस नेताओं का आरोप है कि इनमें हरीश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष का भांजा, चतुर सिंह देव जिला पंचायत अध्यक्ष का देवर और श्याम सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष का भतीजा है।