चम्पावत सहयोगी
काली कुमाऊं। सावन के महीने में काली कुमाऊं का मौसम सुहावना हो गया है। इस बीच रूक रूक कर हो रही झमाझम बारिश से काश्तकारों के चेहरे पर खुशी देखी गई है। खेतों में उग रही फसल को गर्मी से राहत मिली है। प्रकृति में चारों ओर हरियाली छाई है।
काली कुमाऊं के तल्लादेश तामली, चाल्सी गडकोट, बीस गांव बिशुंग, फोर्ती, गुमदेश, नौ गांव रेगडू, बाराकोट और सिमलखेत आदि स्थानों पर फसली पैदावार के रूप में सब्जी उत्पादन ज्यादा मात्रा में किया जाता है। यहां अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे खेत खलिहानों में उगी फसल से काश्तकार खासा मुनाफा कमा लेते हैं। हालिया सीजन में यहां विभिन्न प्रकार की साग सब्जी का उत्पादन कर उसे निकट के बाजारों में बेचा जाता है। सीजन के लिहाज से मुफीद व्यवसाय होने के चलते सब्जी का उत्पादन यहां बड़े पैमाने पर किया जाता है। काश्तकारों में खुशी है कि मौजूदा तापमान सामान्य होने से उनको फसलों से इस बार जरूर लाभ मिलेगा।