अल्मोड़ा:13 वीं पुण्य तिथि पर याद किए गए जनकवि गिर्दा(Jankavi Girda), जनगीतों के साथ विभिन्न स्थानों पर हुए कार्यक्रम

Almora: Jankavi Girda remembered on his 13th death anniversary अल्मोड़ा, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा(Jankavi Girda) की आज पुण्यतिथि है, अल्मोड़ा में रंगकर्मियों ने गिर्दा के…

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Almora: Jankavi Girda remembered on his 13th death anniversary

अल्मोड़ा, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा(Jankavi Girda) की आज पुण्यतिथि है, अल्मोड़ा में रंगकर्मियों ने गिर्दा के गीत गायक उन्हें याद किया गया।
और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी, अपने गीतों से गिर्दा ने समाज को जगाने का काम किया था।

Jankavi Girda
अल्मोड़ा श्रद्धांजलि देते रंगकर्मी


उलोवा ने Jankavi Girda को दी श्रद्धांजलि

उत्तराखण्ड़ लोक वाहिनी द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी मे गिरीश तिवारी “गिर्दा “(Jankavi Girda)की तेरहवी पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धान्जली दी गई , इस अवसर पर उत्तराखण्ड़ के जन आन्दोलनों का भी स्मरण किया गया तथा गिर्दा के गीत गाये गये । वन (चिपको) आन्दोलन में उत्तराखण्ड़ में गिरीश तिवारी “गिर्दा” के जनगीतों की बड़ी भूमिका रही. इस अवसर पर वाहिनी के महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी ने वृहद प्रकाश डा़ला , उ लो वा के वरिष्ट नेता एड़ जगत सिंह रौतेला ने कहा कि भलेहि राजनैतिक मजबूरी के चलते लोग इनका स्मरण ना करते हो पर उनके द्वारा समाज का जो मार्ग दर्शन किया आज इस तरह के मार्ग दर्शन का अभाव हो रहा है. विशन दत्त जोशी ने अल्मोड़ा मे वैचारिक रूग्णता पर दुख व्यक्त किया उन्होंने कहा कि राजनैतिक रूप से अग्रणी अल्मोड़ा अब चुप रहने लगा है । शिवदत्त पाण्डे ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जंगली जानवरों व मोबाईल ने लोगों को काम व चिंतन से दूर कर दिया है , शिवराज सिह ने कहा कि सरकार ने जुवा खेलने पर रोक लगा रखा है पर मोबाईल मे खुलेआम जुवा चल रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि गिरीश तिवारी जैसे लोगों की बदौलत यह राज्य बना पर उनके सहयोगी राज्य आन्दोलनकारी तक घोषित नही हुए , अजेयमित्र ने गिर्दा की याद साझा करते हुए कहा कि ऐसा कोई दिन नही बीता जब गिर्दा की राज्य से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक डा.शमशेर सिंह बिष्ट से वार्ता नही होती थी , रेवती बिष्ट ने कहा कि गिरीश तिवारी गिर्दा जगत गिर्दा थे ,जन सरोकारो से हमेशा जुड़े रहे । इस अवसर पर दिवान नगरकोटी , त्रिपेन सिह चौहान , षष्ठी दत्त जोशी , स्वामी अग्निवेश आदि को भी याद किया गया ,कलावती तिवारी ने भी गिर्दा को वैचारिक मार्गदर्शक बताया ।कुणाल तिवारी ने गिर्दा की कविता का पाठ किया. इस अवसर पर यह निर्णय लिया गया की आगामी 22 सितम्बर को डा. शमशेर सिंह बिष्ट की पुण्यतिथि पर उत्तराखण्ड़ की वर्तमान परिस्तिथियों पर एक संगोष्ठी होंगी । अंत में जंग बहादुर थापा ने अध्यक्षीय संबोधन से संगोष्ठी का समापन किया।

Jankavi Girda
गिरदा को याद करते उलोवा कार्यकर्ता

ताकुला के सुनौली में भी Jankavi Girda को किया याद

लोक प्रबंध विकास संस्था एवं ग्राम पंचायत सुनौली द्वारा गिरीश तिवारी गिर्दा (Jankavi Girda)की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई । इस अवसर पर सोबन सिंह जीना स्मृति सभागार सुनौली में आयोजित कार्यक्रम में गिरदा के सामाजिक एवं सांस्कृतिक योगदान को याद किया गया तथा उनके जन गीत गाए गए । वक्ताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में गिरता का कई बार आगमन हुआ था । बिनसर वन्य जीव विहार में जनता के परंपरागत बनाधिकारो की बहाली के संघर्ष में उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन क्षेत्रीय जनता को मिलता रहा । बैठक को ईश्वर जोशी, हेमंत कुमार,किरन भाकुनी गंगा देवी, गिरीश जोनी, सुशील कांड पाल, संतोषी भाकुनी दीवान राम पूरन सिंह दीपा भाकुनी प्रीति,चंपा देवी आदि ने संबोधित किया।

Jankavi Girda
सुनौली में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद लोग